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अजप  : पुं० [सं० जप् (जपना) +अच्, न० त०) १. शास्त्र द्वारा प्रतिपादित रीति से न पढ़ने वाला। २. शास्त्र या धर्म विरोधी ग्रंथों का पाठ करने वाला। वि० (न० ब०) जो जपा न जाए। दे० ‘अजपा'।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अजपह  : पुं० [सं० अदपा] मन ही मन सोचना। उदाहरण—षिन तलपह अजपह मन कीनों-चन्द्रवरदाई।
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अजपा  : वि० [सं० अ+हिं० जपना] १. जिसका जप न किया गया हो अथवा न किया जाए। २. जप न करनेवाला। पुं० [सं० √जप्+अच्, टाप्, न० त०) मंत्र जपने का वह प्रकार जिसमें मन ही मन जप किया जाता है, मुँह से उच्चारण नहीं किया जाता।
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अजपाल  : पुं० [सं० अज√पाल्+अण्] १. बकरा पालने वाला। गड़ेरिया। २. दशरथ के पिता का नाम।
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