शब्द का अर्थ
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अस्म :
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पुं० =अश्म (पत्थर)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अस्मत :
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स्त्री० [अ० इस्मत] १. पापों से अपने आप को बचाना। २. स्त्री का पतिव्रत। |
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समानार्थी शब्द-
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अस्मदादि :
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सर्व० [सं० अस्मद्-आदि, ब० स०] हम लोग। |
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समानार्थी शब्द-
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अस्मदादिक :
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सर्व० [सं० अस्मद्-आदि, ब० स० कप्] हम लोग। |
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समानार्थी शब्द-
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अस्मदीय :
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वि० [सं० अस्मद+द्व-ईय] मेरा या हमारा। |
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समानार्थी शब्द-
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अस्मद् :
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सर्व० [सं०√अस् (सत्ता)+मदिक] मैx। (अहम् आदि का प्रतिपादिक रूप) पुं० जीवातमा। |
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अस्मय :
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वि० [सं० अश्म्य] १. जो पत्थरों का बना हो अथवा जिसमें पत्थर लगा हो। २. पत्थर के रूप में आया हुआ। उदाहरण—अस्मय तन गौतम तिया कौ साप नसावै।—सूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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अस्मार्त :
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वि० [सं० न० त०] १. जो स्मार्त्त अर्थात् स्मृतियों का अनुयायी न हो। २. स्मृतियों आदि के आदर्शों का विरोधी। |
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अस्मिता :
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स्त्री० [सं० अस्मि+तल्-टाप्] १. मन का यह भाव या मनोवृत्ति कि मेरी एक पृथक् और विशिष्ट सत्ता है। अर्थात् मै, हूँ। अहंभाव। (इगोइज्म) २. अभिमान। अहंकार। घमंड। विशेष—सांख्य में इसे मोह और वेदान्त में हृदय-ग्रंथि कह गया है। योग शास्त्र के अनुसार यह पाँच क्लेशों में से एक है। |
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