शब्द का अर्थ
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					आचरण					 :
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					पुं० [सं० आ√चर् (गति)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० आचरित] १. चलना या चलकर कहीं पहुँचना। २. कोई कार्य आरंभ करके चलाना या आगे बढ़ाना। अनुष्ठान। ३. जीवन-यात्रा में किये जाने वाले वे सभी कार्य या व्यापार जिनका संबंध और लोगों से भी होता है और जो लोक में नैतिक दृष्टि से आँके जाते है। चाल-चलन। (काँन्डक्ट) जैसे—(क) तुम्हारा यह आचरण ठीक नहीं है। (ख) आपको अपने विद्यार्थियों के आचरण पर ध्यान रखना चाहिए। ४. गाड़ी, छकड़ा रथ या ऐसी ही कोई सवारी।				 | 
			
			
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					आचरण-पंजी					 :
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					स्त्री० [सं० ष०त०] वह पुस्तिका जिसमें कर्मचारियों के आचरण, चाल-चलन व्यवहार आदि से संबंधित बातें लिखी जाती है। (कैरेक्टर बुक)				 | 
			
			
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					आचरण-पुस्तिका					 :
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					स्त्री०=आचरण पंजी।				 | 
			
			
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					आचरणीय					 :
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					वि० [सं० आ√चर्+अनीयर] (कार्य या व्यवहार) जिसका आचरण किया जा सकता हो या करना उचित हो।				 | 
			
			
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