शब्द का अर्थ
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					उगहन					 :
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					पुं० [सं० उत्+ग्रह] उगने या विदित होने की क्रिया या भाव। उदाहरण—दीजै दरसन दान, उगहन होय जो पुन्य बल।—नंददास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उगहन					 :
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					पुं० [सं० उत्+ग्रह] उगने या विदित होने की क्रिया या भाव। उदाहरण—दीजै दरसन दान, उगहन होय जो पुन्य बल।—नंददास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उगहना					 :
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					स० =उगाहना। अ० =उगना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उगहना					 :
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					स० =उगाहना। अ० =उगना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उगहनी					 :
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					स्त्री० =उगाही।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उगहनी					 :
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					स्त्री० =उगाही।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |