शब्द का अर्थ
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					गडु					 :
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					पुं० [सं०√गड्+उन] १. रोग के रूप में शरीर के किसी अंग में उठी हुई गाँठ। जैसे-कूबड़, बतौरी आदि। २. गंड़-माला नामक रोग। वि० [हिं० गड़ना] गड़ने या चुभनेवाला। वि० =गुरु (भारी)।				 | 
			
			
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					गडुई					 :
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					स्त्री० [हिं० गड़ुआ का स्त्री अल्पा.रूप] पानी रखने का लोटा गड़ुआ। झारी।				 | 
			
			
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					गडुक					 :
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					पुं० [सं० गडु√कै (प्रतीत होना)+क] टोंटीदार लोटा । गडुआ।				 | 
			
			
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					गडुर					 :
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					पुं० दे० ‘गड़ुल’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० =गरुड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गडुल					 :
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					पुं० [सं० गडु+ल] वह व्यक्ति जिसका कूबड़ निकला हो। वि० कुबड़ा। कुब्ज।				 | 
			
			
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					गडुलना					 :
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					पुं०=गड़ोलना।				 | 
			
			
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					गडुवा					 :
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					पुं० दे० ‘गडुआ’।				 | 
			
			
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