शब्द का अर्थ
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					गय					 :
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					पुं० [सं०] १. घर। मकान। २. आकाश। ३. धन। ४. प्राण। ५. पुत्र। बेटा। ६. औलाद। संतान। ७. एक असुर जिसके नाम पर गया नामक तीर्थ बना है। ८. गया नामक तीर्थ। ९. राम की सेना का एक बन्दर। पुं० =गज (हाथी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० =गति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गय-गमणि					 :
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					वि० स्त्री० [सं० गजगामिनी] हाथी के समान झूमकर चलनेवाली।				 | 
			
			
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					गय-शिर					 :
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					पुं० [ष० त० ] १. आकाश। २. एक पर्वत जो गया में है। ३. गया तीर्थ।				 | 
			
			
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					गयण					 :
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					पुं० [सं० गगन, प्रा० गयण] आकाश। गगन। उदाहरण–पंखी कवण गयण लगि पहुँचै।–प्रिथीराज।				 | 
			
			
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					गयंद					 :
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					पुं० [सं० गजेंद्र, प्रा० गयिंद, गरंद] १. बड़ा हाथी। २. दोहे का एक प्रकार का भेद। ३. रहस्य संप्रदाय में ज्ञान।				 | 
			
			
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					गयनंग					 :
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					पुं० [सं० गगन] आकाश। उदाहरण–गनन-गनन गयनंग छलन छक्किय उछरग्गिय।–चंदवरदाई।				 | 
			
			
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					गयनाल					 :
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					स्त्री० [हिं० गय+नाल-नली] हाथी पर रखकर चलाई जानेवाली एक प्रकार की तोप। गजनाल।				 | 
			
			
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					गयल					 :
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					अ० [हिं० जाना क्रिया का भूतकालिक पूर्वी रूप] गया। स्त्री० =गैल। (गली)।				 | 
			
			
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					गयवली					 :
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					पुं० [देश०] एक पप्रकार का पेड़।				 | 
			
			
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					गयवा					 :
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					स्त्री० [देश०] एक प्रकार की मछली।				 | 
			
			
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					गया					 :
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					अ० [सं० गत, प्रा० गअ ,अप० ,गअल; गु० गओ, मरा० गेला,पं० गिआ; मै० गेल, बँ० गेलो; सिंह० गिय] [स्त्री० गयी] हिं० जाना क्रिया का भूतकालिक एक वचन का रूप। पद–गया गुजरा या गया बीता=(क) जो बहुत ही बुरी हालत में हो। दुर्दशा ग्रस्त(ख)तुच्छ। हीन। मुहा०–गयी करन=बीती हुई बात पर ध्यान न देना। (ख) छोड़ देना। जानेदेना। स्त्री० [सं० गय+अच्-टाप्] आधुनिक बिहार राज्य का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थान जहाँ पिँडदान आदि करने का माहात्म्य है। मुहावरा–गया करना=गया में जाकर पिंडदान, श्राद्ध आदि करना।				 | 
			
			
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					गयापुर					 :
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					पुं० =गया (बिहार राज्य का एक नगर)।				 | 
			
			
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					गयारी					 :
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					स्त्री० [देश०] किसी काश्तकार के मरने पर लावारिस छोड़ी हुई जोत।				 | 
			
			
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					गयाल					 :
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					स्त्री० [देश०] किसी व्यक्ति के मरने पर उसकी छोड़ी हुई ऐसी संपत्ति जिसका उत्तराधिकारी कोई न हो।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० आसाम में पाया जानेवाला एक पशु जिसका मांस खाया जाता और जिसकी मादा का दूध पिया जाता है।				 | 
			
			
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					गयावाल					 :
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					वि० [हिं० गया+बाल] गया में रहने या होनेवाला। पुं० गया या तीर्थ का पंड़ा या पुरोहित।				 | 
			
			
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					गयास					 :
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					स्त्री० [अ०] १. सहायता। २२. मुक्ति। छुटकारा।				 | 
			
			
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