शब्द का अर्थ
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					गोज					 :
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					वि० [सं० गो√जन् (जन्म लेना)+ड, उप० स०] गौ से उत्पन्न,निकला या बना हुआ। पुं० १. दूध से बना हुआ एक प्रकार का खाद्य पदार्थ। २. एक प्रकार के प्राचीन क्षत्रिय जो राज्यभिषेक के अधिकारी नहीं होते थे। पुं० [फा०] १. अपानवायु। पाद। २. चिल्गोआ।				 | 
			
			
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					गोजई					 :
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					स्त्री० [हिं० गेहूँ+जौ] ऐसा गेहूँ जिसमें आधे के लगभग जौ मिला हो।				 | 
			
			
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					गोजा					 :
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					पुं० [सं० गजावन] छोटे पौधों का नया कल्ला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० =बड़ी गोजी(छड़ी या डंडा)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गोजागरिक					 :
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					पुं० [सं० गो-स्वार्थ जागर-सावधानी,स० त० गोजागर+ठन्-इक] १. कँटियारी नाम का क्षुप। २. सुख और सौभाग्य।				 | 
			
			
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					गोजिया					 :
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					स्त्री० [सं० गोजिह्वा] बनगोभी नाम की घास।				 | 
			
			
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					गोजी					 :
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					स्त्री० [सं० गजावन] १. पशुओँ विशेषतः गौओं को हाँकने की लकड़ी। २. बड़ी और मोटी लाठी। ३. उक्त लाठियों से खेला जानेवाला एक खेल जिसमें लाठी चलाने और लाठी रोकने का अभ्यास किया जाता है।				 | 
			
			
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					गोज्जल					 :
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					पुं० [सं०] छोटे जलाशयों में रहनेवाली एक प्रकार की मछली।				 | 
			
			
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