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चखा  : पुं० [हिं० चखना] १. चखनेवाला। २. रस का आस्वादन करनेवाला। प्रेमी। रसिक। उदाहरण–विपिन बिहारी दोउ लसत एक रूप सिंगार। जुगल रस के चखा।-सत्यनारायण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चखा-चखी  : स्त्री० [फा० चख-झगड़ा] १. जोरों का या बहुत अधिक लड़ाई-झगड़ा या तकरार। २. बहुत अधिक वैर-विरोध या लाग-डाँट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चखाना  : स० [हिं० चखना० का प्रे०] किसी को कुछ चखने में प्रवृत्त करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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