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चलाना  : स० [हिं० चलना का० स०] १. हिंदी ‘चलना’ क्रिया का सकर्मक रूप। किसी को चलाने में प्रवृत्त करना। ऐसी क्रिया करना जिससे कुछ या कोई चले। जैसे–लड़के को पैदल चलाना। २. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई यान या सवारी किसी ओर आगे बढ़े। जैसे–गाड़ी, नाव, मोटर या रेल चलाना। ३. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई यंत्र ठीक तरह से अपना काम करने लगे। जैसे–घड़ी मशीन रेडियो या हलचलाना। ४. किसी प्रकार की या किसी रूप में गति देना। इधर-उधर करते हुए हिलाना-डुलाना। जैसे–चूल्हे पर चढ़ाई हुई तरकारी या दाल चलाना। ५. किसी के आचरण, गति-विधि, व्यवहार आदि के देख रेख रखते हुए उसके सब व्यवहार संचालित करना। जैसे–लड़को को जैसे चलाओगे, वैसे ही वे चलेगे। ६. उक्त प्रकार या रूप से किसी का संचालन करते हुए उसे अपने साथ निर्वाह के योग्य बनाना। कुछ करने के लिए उपयुक्त बनाना। जैसे–(क) इस लड़के को हम छठे दरजे में चला ले जायेंगे। (ख) ऐसे गँवार नौकर को भी आप चला ही ले गये। ७. उचित अथवा साधारण रूप से किसी काम, चीज या बात को क्रियाशील या सक्रिय रखना। ऐसी व्यवस्था करना जिससे कोई काम अच्छी तरह से चलता रहे। जैसे–कार्यालय, कोठी, या पाठशाला चलाना। ८. किसी स्थिति का निर्वाह या उत्तरदायित्व का वहन करना जैसे–(क) वह गृहस्थी के सब काम अच्छी तरह चला लेता है। (ख) इस महँगी में लोगों के लिए गृहस्थी चलाना बहुत कठिन हो रहा है। मुहावरा–(अपना या किसी का) पेट चलाना=भोजन आदि के व्यय का निर्वाह करना। जीविका चलाना। जैसे–पहले तुम अपना पेट तो चला लो, तब ब्याह की बात सोचना। (कोई काम या बात) चलाये चलना=किसी प्रकार निर्वाह करते चलना। जैसे–अभी तो हम जैसे–तैसे चलाये चलते है। ९. कौशल, योग्यता तथा तत्परतापूर्वक कोई काम करना। जैसे–शासन चलाना। १॰. किसी चीज को बराबर उपयोग तथा व्यवहार में लाते रहना। जैसे–यह कंबल तो वह दस बरस चलावेगा। ११. शरीर के किसी अंग को उसके किसी नियमित कार्य में प्रवृत्त या रत करना। जैसे–(क) मुँह चलाना, अर्थात भोजन करना या खाना। (ख) हाथ चलाना अर्थात ठीक तरह से सक्रिय रहकर पूरा काम करना। १२. शरीर के किसी अंग को असाधारण रूप में अथवा कुछ उग्र प्रकार से प्रयुक्त या सक्रिय करना। जैसे–(क) जबान चलाना, अर्थात् बहुत बढ़-बढ़कर या उद्दंतापूर्ण बातें करना। (ख) किसी पर हाथ चलाना अर्थात उसे थप्पड़ या मुक्का मार बैठना। १३. प्रहार करने के लिए अस्त्र-शस्त्र या किसी और साधन से काम लेना। जैसे–(क) तलवार, तीर या लात चलाना। (ख) डंडा या लाठी चलाना। (ग) घूँसा या लात चलाना। १४. तंत्र-मंत्र आदि के प्रयोग से कोई ऐसी क्रिया संपादित करना कि जिससे किसी का कोई अनिष्ट हो सकता वह कोई उद्धिष्ट कार्य करने में प्रवृत्त हो। जैसे–मंत्र-बल से कटोरा या कौड़ी चलाना। मुहावरा–(किसी पर) मूठ चलाना=मुट्टी में भरी या रखी हुई कोई चीज अभिमंत्रित करके किसी के नाम पर या किसी के उद्देश्य से कहीं फेंकना। १५. भेजने की प्रेरणा करना। भेजवाना। उदाहरण–जलभाजन सब दिये चलाई।-तुलसी। १६. तरल पदार्थ इतनी अधिकता से गिराना या डालना कि वह बहने लगे। जैसे–(क) पानी गिराकर मोरी चलाना। (ख) खून की नदियाँ चलाना अर्थात् बहाना। १७. ऐसी क्रिया करना जिससे शरीर के अंदर से कोई तरल पदार्थ अधिक मात्रा में बाहर निकलने लगे। जैसे–इस दवा की एक पुड़िया ही तुम्हारा पेट चला देगी। १८. किसी काम या बात का आरंभ करना। शुरू करना। छेड़ना। जैसे–किसी की चर्चा, जिक्र या प्रसंग चलाना। मुहावरा–किसी को चलाना=किसी के अधिकार, प्रभुत्व, शक्ति आदि की चर्चा या प्रसंग छेड़ना। जैसे–उनकी क्या चलाते हो, वे तो बहुत कुछ कर सकते हैं। १९. कोई नया नियम, प्रथा, रीति आदि प्रचलित करना। जारी करना। जैसे–नया कानून या नया धर्म चलाना। २॰. किसी क्रम, परंपरा आदि का निर्वाह करना या उसे बराबर बनाये रखना। जैसे–पूर्वजों या बड़ों का नाम चलाना। २१. किसी प्रकार की कामना या वासना के वश में होकर अपने मन को उसी के अनुसार प्रवृत्त करना। जैसे–दूसरों के अधिकार या वैभव पर मन चलाना ठीक नहीं। २२. अस्पष्ट लिखावट पढ़ने का प्रयत्न करना। जैसे–हमसे तो यह चिट्ठी नहीं चलती, जरा तुम्हीं चलाकर देखो। २३. खाने-पीने की चीजें परोसने के लिए लोगों के सामने लाना। जैसे–पहले नमकीन चलाओ, तब मिठाई लाना। २४. सामाजिक रीति-व्यवहार का ठीक तरह से आचरण या व्यवहार करना। जैसे–हम तो बराबर उसी तरह से उनके साथ चलाते हैं, आगे उनकी इच्छा। २५. दूसरों को अपनी आज्ञा, आदेश आदि के अनुसार आचरण या व्यवहार करने में प्रवृत्त करना अथवा ऐसा करने के लिए जोर देना। जैसे–आपस वालों पर इस तरह हुकुम मत चलाया करो। २६. कपड़े आदि के संबंध में अनुचित रूप से या बुरी तरह ऐसी क्रिया करना कि वे कहीं इधर-उधर से कुछ फट जाएँ। जैसे–(क) इस खींचातानी में तुमने हमारी कमीज चला दी। (ख) जल्दी में टुकड़ा फाड़ने के समय तुमने यह कपड़ा चला दिया। २७. खोटे या जाली सिक्कों के संबंध में, कोई देन चुकाने के लिए धोखे से किसी को देना। जैसे–वह खोटी अठन्नी नौकर ने बाजार में चला दी। 2८. विधिक क्षेत्रों में, कोई अभियोग किसी न्यायालय में कारवाई या विचार के लिए उपस्थित या प्रस्तुत करना। जैसे–किसी पर मुकदमा चलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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