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शब्द का अर्थ

चुंब  : पुं० [सं०√चुम्ब (चूमना)+घञ्] चुंबन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चुंबक  : वि० [सं०√चुम्ब+ण्वुल्-अक] १. चुंबन करनेवाला। २. कामुक। ३. धूर्त। ४. जो ग्रंथों को ध्यानपूर्वक पढ़ता हो, बल्कि इधर-उधर से कुछ देखकर छोड़ देता हो। पुं० १. वह फंदा जो कुएँ से पानी भरते समय घड़े के गले में फँसाया जाता है। फाँस। २. एक प्रकार का पत्थर जो लोहे आदि के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर खींच लेता है। ३. लोहे आदि का बनाया हुआ वह कृतिम उपकरण जिसमें उक्त पत्थर के गुणों का आरोपण किया गया हो तथा जो लोहे, निकिल आदि के टुकड़ों को अपनी ओर खींच लेता हो। (मेगनेट) ४. लाक्षणिक अर्थ में, वह व्यक्ति जो किसी को अपनी ओर आकृष्ट करता हो।
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चुंबकत्व  : पुं० [सं० चुम्बक+त्व] चुम्बक पत्थर का गुण या भाव।
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चुंबकीय  : वि० [सं० चुंबक+इ-ईय] १. चुंबक संबंधी। २. जिसमें चुंबक या उसका गुण हों।
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चुंबना  : स०=चूमना।
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चुंबा  : पुं० दे० सुंबा (लश०) पुं०=चुम्मा।
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चुंबित  : भू० कृ० [सं०√चुंब+क्त] १. जिसका चुंबन किया गया हो। चूमा हुआ। २. किसी के साथ थोड़ा स्पर्श करता हुआ।
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चुंबी  : वि० [सं०√चुंब+णिनि] १. चूमनेवाला। २. जो किसी को छूता या स्पर्श करता हुआ हो। बहुत ऊँचा। जैसे–गगन चुंबी पर्वत या प्रासाद।
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