शब्द का अर्थ
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					जाला					 :
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					पुं० [सं० जाल] [स्त्री० अल्पा० जाली] १. घास भूसा आदि बाँधने की बड़ी जाली। २. बहुत से तंतुओं का वह विस्तार जो मकड़ी अपना शिकार फँसाने के लिए दीवारों के कोनों आदि में बनाती है। ३. आँख का एक रोग जिसमें अंदर की ओर मैल के बहुत से तंतु इधर-उधर फैल कर दृष्टि में बाधक होते हैं। ४. सरपत की जाति की एक घास जिससे चीनी साफ की जाती है। ५. पानी रखने का मिट्टी का एक प्रकार का घड़ा। पुं०=जाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री०=ज्वाला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					जालाक्ष					 :
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					पुं० [सं० जाल-अक्षि, ब० स० षच्] झरोखा। गवाक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |