शब्द का अर्थ
|
द्वैप :
|
वि० [सं० द्वीपिन्+अञ्] १. बात या व्याघ्र से संबंध रखनेवाला। २. व्याघ्र के या बाघ के चमड़े का बना हुआ। पुं० बाघ का चमड़ा। व्याघ्र-चर्म। वि० दे० ‘द्वैव्य’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
द्वैपायन :
|
वि० [सं० द्वीप-आयन ब० स०+अण्] द्वीप में जन्म लेनेवाला। पुं० १. वेदव्यास जी का एक नाम। २. कुरुक्षेत्र के पास का एक ताल जिसमें युद्ध से भागकर दुर्योधन छिपा था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
द्वैप्य :
|
वि० [सं० द्वीप्+यञ्] १. द्वीप संबंधी। टापू-का। २. द्वीप में उत्पन्न होने या रहनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |