शब्द का अर्थ
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					लास्य					 :
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					पुं० [सं०√वस् (क्रीड़ा)+ण्यत्] १. नृत्य। नाच। २. दो प्रकार के नृत्यों में से एक। (दूसरा प्रकार तांडव कहलाता है) विशेष—लास्य वह नृत्य कहलाता है, जिसमें कोमल अंग-भंगियों के द्वारा मधुर भावों का प्रदर्शन होता है, और जो श्रृंगार आदि कोमल रसों को उद्दीप्त करनेवाला होता है। इसमें गायन तथा वादन दोनों का योग रहता है। वि० कोमल तथा मधुर। जैसे—स्वरों में र की ध्वनि लास्य है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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