शब्द का अर्थ
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					लाह					 :
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					स्त्री० [सं० लाक्षा] लाख। चपड़ा। स्त्री० [?] चमक। दीप्ति। पुं० =लाभ।				 | 
			
			
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					लाहक					 :
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					वि० [हिं० लाह] १. इच्छा करने या चाहनेवाला। २. लाभ के रूप में प्राप्त होनेवाला। ३. आदर या कदर करनेवाला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					लाहन					 :
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					पुं० [देश] १. पशुओं को खिलाया जानेवाला महुए का फल जिसमें से मद्य खींच लिया गया हो। २. जूसी और महुए को मिलाकर उठाया हुआ खमीर। ३. किसी चीज का और किसी तरह उठाया हुआ खमीर। ३. किसी चीज का और किसी तरह उठाया हुआ खमीर। ४. गौओं आदि के ब्याने पर उन्हें पिलाई जानेवाली दवाएँ। ५. खलिहान में अनाज ढोकर लाने की मजदूरी।				 | 
			
			
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					लाहल					 :
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					अव्य०=ला हौल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					लाहा					 :
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					पुं० =लाह (लाभ)।				 | 
			
			
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					लाही					 :
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					वि० [हिं० लाहा] लाल या लाखी रंग का। स्त्री० १. लाल रंग के वे छोटे कीड़े जो लाख बनाते हैं। २. ऊख की फसल में लगनेवाला लाल रंग का एक तरह का छोटा कीड़ा। स्त्री० [देश] १. सरसों। २. काली सरसों। ३. तीसरी बार साफ किया हुआ शोरा। स्त्री० =लाई (धान, बाजरे आदि का लावा)।				 | 
			
			
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					लाहु					 :
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					पुं० =लाहु (लाभ)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					लाहौरी नमक					 :
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					पुं० [हिं०] सेंधा नमक।				 | 
			
			
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					लाहौल					 :
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					अव्य० [अ०] अरबी के एक प्रसिद्ध वाक्य का पहला शब्द जिसका व्यवहार प्रायः भूत-प्रेत को भगाने या किसी बात के संबंध में परम उपेक्षा अथवा घृणा प्रकट करने के लिए किया जाता है। पूरा वाक्य इस प्रकार है— ‘लाहौल वला कूव्वत इल्ला बिल्लाह’ जिसका अर्थ है, ईश्वर के सिवा और किसी में कुछ सामर्थ्य नहीं है। मुहावरा—लाहौल पढ़ना= (क) उक्त वाक्य का उच्चारण करना। (ख) परम उपेक्षा, घृणा या तिरस्कार सूचित करना।				 | 
			
			
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