शब्द का अर्थ
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व्रीहि :
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पुं० [सं०√वृह्+इन, पृषो, सिद्धि] १. धान। चावल। २. धान का खेत। ३. अनाज। अन्न। |
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व्रीहि-श्रेष्ठ :
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पुं० [सं० स० त०] शालि धान्य। |
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व्रीहिमुख :
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पुं० [सं०] एक प्रकार का शल्य। (सुश्रुत) |
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