शब्द का अर्थ
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					श्वास					 :
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					पुं० [सं०√श्वस्+घञ्] १. प्राणियों का नाक से हवा खींचकर अन्दर फेफड़ों या हृदय तक पहुँचाना और फिर बाहर निकालना जो जीवन का मुख्य लक्षण हैं। सांस (ब्रेथ)। २. श्वासनली का एक प्रसिद्ध रोग जिसमें साँस बहुत जोर से चलती और रोगी को बहुत कष्ट होता है। दमा (एज्मा)।				 | 
			
			
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					श्वासनली					 :
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					स्त्री० [सं०] सिर, गले और छाती के अन्दर की वह नली जिससे प्राणी साँस लेते और निकालते हैं। (ट्रैकिया)				 | 
			
			
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					श्वासायाम					 :
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					पुं० [सं०] १. साँस लेने में होनेवाली कठिनता या कष्ट। २. कठिनता या कष्ट से लिया जानेवाला साँस।				 | 
			
			
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					श्वासावरोध					 :
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					पुं० [सं० श्वास+अवरोध] साँस के आगे-जाने में होनेवाली बाधा। दम घुटना। (एस्फिकिया)।				 | 
			
			
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					श्वासी (सिन्)					 :
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					पुं० [सं०√श्वस् (साँस लेना)+णिच्-णिनि, श्वास, इनिवा] १. श्वास लेनेवाला प्राणी। २. वायु।				 | 
			
			
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