शब्द का अर्थ
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					सौव					 :
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					पुं० [सं०] अनुशासन। आदेश। वि० १. ‘स्व’ से संबंध रखनेवाला। २. निज का। अपना। ३. स्वर्गीय।				 | 
			
			
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					सौवर्चल					 :
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					वि० [सं०] सुवर्चल प्रदेश-संबधी। सुवर्चल का। पुं० १. सोंचर (नमक)। २. सज्जी।				 | 
			
			
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					सौवर्चल					 :
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					स्त्री० [सं०] रुद्र की पत्नी की नाम।				 | 
			
			
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					सौवर्चस					 :
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					वि० [सं०]=सुवर्चस (दीप्तिमान्)।				 | 
			
			
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					सौवर्ण					 :
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					वि० [सं०] १. स्वर्ण-संबंधी। सोने का। २. सोने का बना हुआ। ३. जो तौल में एक स्वर्ण या एक कर्ष भर हो। पुं० १. स्वर्ण। सोना। २. सोना तौलने की एक पुरानी तौल जो एक कर्ष या १६ माशे के बराबर होती थी। ३. सोने की बाली।				 | 
			
			
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					सौवर्णिक					 :
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					वि० [सं०] सुवर्ण-संबंधी। पुं० सुनार।				 | 
			
			
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					सौवर्णिका					 :
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					स्त्री० [सं०] एक प्रकार का विषैला कीड़ा। (सुश्रुत)				 | 
			
			
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					सौवर्ण्य					 :
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					पुं० [सं०] १. ‘सुवर्ण’ होने की अवस्था, गुण या भाव। २. वर्णों का शुद्ध और सुन्दर उच्चारण।				 | 
			
			
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					सौवस्तिक					 :
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					वि० [सं०] स्वस्ति कहने अर्थात मंगल-कामना करनेवाला। पुं० कुल-पुरोहित।				 | 
			
			
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					सौवाध्यायिक					 :
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					वि० [सं०] स्वाध्याय-संबंधी। पुं० स्वाध्यायी।				 | 
			
			
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					सौवासिनी					 :
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					स्त्री०=सुवासिनी (भद्र स्त्री)।				 | 
			
			
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					सौवास्तव					 :
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					वि० [सं०] १. सुवास्तु अर्थात भवन निर्माण की कुशलता से युक्त। अच्छी कारीगरी का (मकान)। २. अच्छे स्थान पर बना हुआ (मकान)।				 | 
			
			
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					सौविद					 :
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					पुं० [सं०] अंतःपुर या रनिवास का रक्षक। कंचुकी। सुविद।				 | 
			
			
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					सौविदल्ल					 :
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					पुं०=सौविद।				 | 
			
			
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					सौवीर					 :
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					पुं० [सं०] १. सिंधु नदी के आसपास के प्रचीन प्रदेश का नाम। २. उक्त प्रदेश का निवासी या राजा। ३.संगीत में कर्णाटकी पद्धति का एक राग। ४. जौं की काँजी और फल। ५. बेर का पेड़। ६. जयद्रथ।				 | 
			
			
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					सौवीरक					 :
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					पुं० [सं०] १. जयद्रथ का एक नाम। २. सौवीर।				 | 
			
			
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					सौवीरा					 :
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					स्त्री०=सौवीरी।				 | 
			
			
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					सौवीरांजन					 :
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					पुं० [सं० सौवीर+अंजन] सौवीर प्रदेश में होनेवाला प्रसिद्ध सुरमा।				 | 
			
			
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					सौवीरी					 :
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					स्त्री० [सं०] १. संगीत में एक प्रकार की मूर्च्छना। २. सौवीर की एक राजकुमारी।				 | 
			
			
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					सौवीर्य					 :
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					पुं० [सं०] १. ‘सुवीर’ होने की अवस्था, गुण या भाव। पराक्रम। बहादुरी। २. सौवीर का राजा। वि० बहुत बड़ा वीर।				 | 
			
			
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					सौव्रत्य					 :
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					पुं० [सं०] १. सुव्रत का भाव। २. एक निष्ठा। भक्ति। ३. आज्ञा-पालन।				 | 
			
			
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