शब्द का अर्थ
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अपनय :
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पुं० [सं० अप√नी (ले जाना)+अच्] १. अनीति। २. संधि आदि उचित रीति से न करना जिससे विपत्ति की संभावना होती है। (कौ०) ३. दे० ‘अपनयन’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अपनयन :
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पुं० [सं० अप√नी (ले जाना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अपनीत, कर्ता अपनेता] १. अलग, जुदा या दूर करना। हटाना। २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना या पहुँचाना। जैसे—गणित में किसी अंक या परिमाण का अपनयन। ३. किसी स्त्री या बालक को उसके पति या पिता के घर से छिपा या बहकाकर कहीं और ले जाना। अभिहरण। ४. खंडन। ५. ऋण चुकाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |