शब्द का अर्थ
|
अलगरजी :
|
वि० [अ०] १. जिसे गरज या परवाह न रह गई हो। बेपरवाह। २. जो स्वभावतः किसी की परवाह न करता हो। लापरवाह। ३.अपने स्वार्थ साधन में पक्का। परम स्वार्थी। स्त्री० १. बेपरवाही। २. लापरवाही। ३. स्वार्थपरता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|