शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					आका					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आकाय] १. कौड़ा। अलाव। २. भट्ठी। ३. आँवाँ। पंजावा। पुं० [तु० आका] मालिक। स्वामी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकांक्षक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आ√कृङ्क्ष् (चाहना)+ण्वुल्-अक] आकांक्षा करने या चाहनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकांक्षित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं० आ√कृङ्क्ष्+क्त] (बात या विषय) जिसके लिए आकांक्षा की गई हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकांक्षी (क्षिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आ√काङ्क्ष्+णिनि] [स्त्री० आकांक्षिणी] जिसे किसी बात की आकांक्षा हो। आकांक्षा करने या रखनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आ√चि (चयन करना)+घञ्, कुत्व] १. चिता की आग। २. चिता। ३. निवास-स्थान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आ√कृ (करना)+घञ्] १. पुकारना। बुलाना। २. बाहरी रेखाओं का वह विन्सास जिससे किसी पदार्थ विषय या व्यक्ति के रूप का ज्ञान या परिचय होता है। आकृति। शकल। मुहावरा—आकार दिखाना=चित्रकला में, रेखन के द्वारा पदार्थों या मनुष्यों का आकार मात्र दिखानेवाली रेखाएँ अंकित करना। ३. आकृति या चेहरे का ऐसा रंग-ढंग जिसमें मन का कोई भाव या विचार प्रकट होता हो। जैसे—आकार-गुप्ति-मन के भाव छिपाना। ४. आजकल मुख्य रूप से किसी वस्तु या व्यक्ति की लंबाई-चौड़ाई, ऊँचाई आदि जो उसके छोटे-बड़े, मँझोले आदि होने की सूचक होती हैं। (साइज) जैसे—इस बार यह पुस्तक बड़े आकार मे छपेगी। ५. [आ+कार] आ की मात्रा या वर्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकार-पत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] दे० ‘रूपक’। (फार्म)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकार-रेखन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आकार-लेखन] चित्रों आदि में पदार्थों या मनुष्यों का आकार मात्र दिखाने के लिए रेखाएँ बनाना। (स्केचिंग)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकार-रेखा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] दे० ‘रूप-रेखा’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आ√कृ+णिचि+ण्वुल्-अक] न्यायालय का वह पत्र जिसमें किसी को सात्री आदि देने के लिए न्यायालय में उपस्थित होने के लिए कहा जाता है। (सम्मन साइटेशन)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आ√कृ+णिच्+ल्युट्-अन] किसी को अपने पास बुलाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारवान् (वत्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकार+मतुप्, वत्व] १. जिसका कोई आकार या रूप हो। साकार। २. अच्छे या बड़े आकार या डीलडौल वाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारांत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकार-अन्त, ब० स०] (शब्द) जिसके अंत में आ हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं० आ√कृ+णिच्+क्त] जिसे कोई आकार या रूप दिया गया हो। किसी आकार में लाया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकार+हिं० ई(प्रत्यय)] आकारवाला। आकति या शक्लवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकारीठ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आकारण-बुलाना] लड़ाई। युद्ध। (डिं०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० प्रा०स०] १. उपयुक्त या ठीक समय। २. [आकाल+अण्] अनुपयुक्त या बुरा समय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकालिक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अकाल+ठञ्-इक] अपने ठीक समय से पहले या पीछे होनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकालिकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकालिक+ङीष्] बिजली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आ√काश् (चमकना)+घञ्] १. शब्द, गुण से युक्त वह शून्य अनंत अवकाश जिसमें विश्व के सभी पदार्थ (सूर्य, चंद्र, ग्रह, उपग्रह आदि) स्थित है और जो सब पदार्थों में व्याप्त है। २. खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देनेवाला नीला अपार स्थान। अंतरिक्ष। आसमान। मुहावरा—आकाश खुलना=आंकाश से बादलों का हटना। आकाछूना या चूमना— (क) बहुत ऊँचा या लंबा होना। (ख) बहुत लंबीश चौड़ी बाते करना। आकाश पाताल एक करना—पूरी शक्ति से कोई काम करना। कोई बात उठा न रखना। आकाश बाँधना—असंभव तथा अनोहनी बातें कहना। आकाश से बातें करना—बहुत ऊंचा होना। जैसे—उनका महल आकाश से बातें करता था। पद—आकाश कुसुम=(क) ऐसी बात या वस्तु जिसका कुछ भी अस्तित्व न हो। (ख) ऐसी वस्तु जिसकी प्राप्ति असंभव हो। आकाश पाताल का अंतर—बहुत बड़ा अंतर। आकाश पुष्प=आकाश कुसुम। ३. एक लचीला पारदर्शी तत्त्व जो उक्त खाली स्थान में व्याप्त माना जाता है और जिसमें से होकर सूर्य की किरणों, विद्युत तरंगों आदि का संचार होता है। व्योम। (ईथर) ४. ऐसा शून्य स्थान जिसमें वायु के अतिरिक्त और कुछ न हो। ५. छिद्र। ६. ब्रह्म। ७. अभ्रक। ८. रहस्य संप्रदाय में (क) अंतःकरण (ख) आत्मा (ग) परमात्मा तक पहुँचने का मार्ग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-कक्षा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] आकाश का उतना क्षेत्र, भाग या स्थान जहाँ तक सूर्य के प्रकाश की व्याप्ति होती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-गंगा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] १. ब्रह्मांड में फैले हुए बहुत से छायापथों में से वह जो हमें रात के समय आकाश में उत्तर-दक्षिण फैला हुआ चमकीली चौड़ी पट्टी या सड़क के रूप में दिखाई देता है। हाथी की डहर। (मिल्कीवे) २. पुराणों के अनुसार स्वर्ग की नदी। मंदाकिनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-चोटी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश+हिं० चोटी]=शीर्षबिन्दु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-दीआ					 :
				 | 
				
					पुं०=आकाश दीप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-दीप					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] १. बहुत अधिक ऊँचाई पर जलनेवाला दीआ। २. कार्तिक मास में विष्णु और देवताओं के उद्देश्य से जलाया जानेवाला वह दीआ, जो ऊँचे बाँस के ऊपरी सिरे पर बँधा रहता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-धुरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश-धुरी] आकाश ध्रुव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-ध्रुव					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] ज्योतिष में खगोल का ध्रुव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-नदी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०]=आकाश गंगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-नीम					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश+हिं० नीम] नीम के पेड़ पर होने वाली एक प्राकर का वनस्पति। नीम का बाँदा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-फल					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] संतान। संतति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-बेल					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश+हिं० बेल] दे० ‘अमर बेल’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-भाषित					 :
				 | 
				
					पुं० [स० त०] नाटक के अभिनय में, किसी पात्र का आकाश की ओर देखकर इस प्रकार कोई बात कहना कि मानों कि वह ऊपर के किसी प्रश्नकर्ता के प्रश्न का उत्तर दे रहा हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-मंडल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] हठ-योग में सहस्रार चक्र का एक नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-मुखी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकाश-मुख] जिसका मुँख आकाश की ओर हो। पुं० एक प्रकार के साधु जो आकाश की ओर मुँह करके तपस्या करते है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-मूली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश-मूल, ब० स० ङीष्]=जलकुंभी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-यान					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] वायुयान। (दे०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-लोचन					 :
				 | 
				
					पुं० [स० त०]=वेधशाला। (दे०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-वाणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य०स०] १. वह कथन या बात जो किसी देवता या ईश्वर की ओर से कही हुई तथा आकाश से सुनाई पड़नेवाली मानी जाती है। २. रेडियों-यंत्र की सहायता से विद्युत-तरंगों के द्वारा दूर-दूर तक प्रसारित की जानेवाली ध्वनियाँ (संगीत, समाचार वार्ताएँ आदि) ३. वह भवन या स्थान जहाँ से विद्युत तरंगों द्वारा संगीत, समाचार, वार्ताएँ आदि प्रसारित की जाती है। प्रसारण ग्रह। (ब्राडकास्टिंग हाउस) जैसे—आकाश-वाणी पटना या लखनऊ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-वृत्ति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] ऐसी वृत्ति या जीविका जिसका कुछ भी निश्चय या ठिकाना न हो। अनिश्चित वृत्ति। जैसे—दान, भिक्षा आदि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-वृत्तिक					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स० कप्] वह जो केवल आकाश वृत्ति के सहारे जीवन बिताता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाश-स्फटिक					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] १. एक प्रकार का पत्थर जो आकाश में निर्मित माना जाता है। २. ओला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाशचारी (रिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकाश√चर् (गति)+णिनि] [स्त्री० आकाशचारिणी] आकाश में गमन करने या विचरनेवाला। आकाशगामी। पुं० १. सूर्य, चंद्र, ग्रह नक्षत्र आदि जो आकाश में चक्कर लगाते रहते है। २. वायु। ३. पक्षी। ४. देवता। ५. भूत-प्रेत, राक्षस आदि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाशी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आकाश+ई (प्रत्यय)] १. धूप आदि से बचने के लिए ताना जानेवाला चँदोआ। २. ताड़ी। वि०=आकाशीय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आकाशीय					 :
				 | 
				
					वि० [सं० आकाश+छ-ईय] १. आकाश में होनेवाला। आकाशी संबंधी। २. जो आकाश में स्थित हो। ३. दैवी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |