शब्द का अर्थ
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आक्रंद :
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पुं० [सं० आ√कंद्र(रोना)+घञ्] १. जोर से पुकारना या बुलाना। २. जोर का शब्द। घोष। ३. शोर। हल्ला। ४. विलाप करना। रोना। ५. इष्ट-मित्र और भाई-बन्धु। ६. घोर युद्ध। ७. ज्योतिष में, एक ग्रह का दूसरे ग्रह प्रबल होना। ८. प्राचीन भारतीय राजनीति में गुप्त रूप से प्रधान शत्रु की सहायता करनेवाला देश या राज्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आक्रंदन :
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पुं० [सं० आ√कंद+ल्युट्-अन] १. जोर से पुकारने बुलाने या चिल्लाने की क्रिया या भाव। २. रुदन। रोना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आक्रंदी (दिन्) :
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वि० [सं० आ√कन्द+णिनि] १. रो-रो कर प्रार्थना करनेवाला। २. चीखने-चिल्लानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |