|
|
|
|
|
लेखक
|
प्रकाशक
|
English
पुस्तक खोजें
Any
Title
Author
Word
Book Id
Any
₹
<₹30
₹30 - ₹50
>₹50
पुस्तक क्रमांक से खोजें
शब्द का अर्थ खोजें
शॉपिंग कार्ट
मुख पृष्ठ
खोजें
परिचय
समाचार
संपर्क करें
मेरी पसंद
सहायता
प्रवेश
ई-पुस्तकें
वाचनालय
रामायण
स्तुतियाँ
वेदान्त
श्रीमद्भगवद्गीता
आरती
लोगों की राय
शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
आदि-विपुला-जघन-चपला :
पुं० [जघन-चपला, तृ० त० आदि विपुला, जघन-चपला, द्वं० स०] आर्या छंद का एक भेद जिसके पहले चरण के तीन गणों में पाद अपूर्ण होता और दूसरे दल में दूसरा और चौथा गण जगण होता हैं।
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं
लौटें
मुख पृष्ठ