शब्द का अर्थ
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					आपस					 :
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					अव्य० [हिं० आप+स(प्रत्यय)] पारस्परिक संबंध का सूचक एक अव्यय जिसका प्रयोग कुछ विभक्तियों के लगने पर कहीं क्रिया विशेषण की तरह और कहीं विशेषण की तरह होता है। जैसे—आपस का-पारस्परिक या एक-दूसरे के साथ का। आपस में-परस्पर या एक-दूसरे के साथ। कही-कहीं यह आत्मीकता अथवा घनिष्ठ व्यवहार का भी सूचक होता है। जैसे—आपस के लोग।				 | 
			
			
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					आपसदारी					 :
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					स्त्री० [हिं० आपस+फा० दारी(प्रत्यय)] १. एक दूसरे के साथ होनेवाली आत्मीयता अथवा घनिष्ठ व्यवहार या संबंध। जैसे—यहाँ तो आपसदारी की बात है। २. ऐसे लोगों का वर्ग या समूह जिनसे उक्त प्रकार का संबंध हो। जैसे—आपसदारी में तो हर काम में आना जाना ही पड़ता है।				 | 
			
			
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					आपसी					 :
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					वि० [हिं० आपस] आपस का। आपस में होनेवाला। पारस्परिक। जैसे—आपसी मतभेद।				 | 
			
			
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					आपस्तंब					 :
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					पुं० [सं० ] [वि० आपस्तंबीय] एक प्राचीन ऋषि जिनके बनाये हुए कल्प गृह्य और धर्म नामक तीन सूत्र-ग्रंथ माने जाते हैं।				 | 
			
			
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