शब्द का अर्थ
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ईख :
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स्त्री० [सं० इक्षु, प्रा० इक्खु] शर जाति का एक प्रसिद्ध पौधा। जिसके डंठलों या पोरों में मीठा रस भरा रहता है। इसी के रस से गुड़ और चीनी बनती है। ऊख। गन्ना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईख :
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स्त्री० [सं० इक्षु, प्रा० इक्खु] शर जाति का एक प्रसिद्ध पौधा। जिसके डंठलों या पोरों में मीठा रस भरा रहता है। इसी के रस से गुड़ और चीनी बनती है। ऊख। गन्ना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईखना :
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स० [सं० ईक्षण, प्रा० इक्खन] देखना। (डिं०)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईखना :
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स० [सं० ईक्षण, प्रा० इक्खन] देखना। (डिं०)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईखराज :
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पुं० [हिं० ईख+राज] ईख की फसल बोने का पहला दिन, जो खेतिहारों का एक पर्व है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईखराज :
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पुं० [हिं० ईख+राज] ईख की फसल बोने का पहला दिन, जो खेतिहारों का एक पर्व है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |