शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					उगाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उदगार, पा० उग्गाल] १. उगालने की क्रिया या भाव। २. वह वस्तु जो उगली या मुँह से बाहर निकाली गई हो। जैसे—थूक, पान का पीक आदि। ३. पुराने कपड़े। (ठगों की बोली)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उदगार, पा० उग्गाल] १. उगालने की क्रिया या भाव। २. वह वस्तु जो उगली या मुँह से बाहर निकाली गई हो। जैसे—थूक, पान का पीक आदि। ३. पुराने कपड़े। (ठगों की बोली)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगालदान					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उगाल+फा०दान(प्रत्यय)] काँसे, पीतल, मिट्टी आदि का एक प्रकार का पात्र या बरतन जिसमें उगाल (खखार, थूक, पीक आदि) गिराये या थूके जाते है। पीकदान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगालदान					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उगाल+फा०दान(प्रत्यय)] काँसे, पीतल, मिट्टी आदि का एक प्रकार का पात्र या बरतन जिसमें उगाल (खखार, थूक, पीक आदि) गिराये या थूके जाते है। पीकदान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगालना					 :
				 | 
				
					स०-१=उगलना। २. =उगलवाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगालना					 :
				 | 
				
					स०-१=उगलना। २. =उगलवाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगाला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उगाल] १. फसल में लगनेवाला एक प्रकार का कीड़ा। २. प्रायः या सदा पानी से तर रहनेवाली जमीन। पनमार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उगाला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उगाल] १. फसल में लगनेवाला एक प्रकार का कीड़ा। २. प्रायः या सदा पानी से तर रहनेवाली जमीन। पनमार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |