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शब्द का अर्थ

उठौनी  : स्त्री० [हिं० उठना या उठाना,उठावनी का पू० रूप] १. उठने या उठाने अथवा उठाकर रखने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. देवता या धार्मिक कृत्य के लिए कुछ धन या पदार्थ उठाकर अलग रखने की क्रिया या भाव। ३. कोई लेन-देन या व्यवहार पक्का करने अथवा कोई काम कराने के लिए अग्रिम के रूप में दिया जानेवाला धन। अगाऊ। पेशगी। ४. (उठकर) कोई कार्य आरंभ करने की क्रिया या भाव। उदाहरण—सब मिलि पहिलि उठौनी कीन्ही।—जायसी। ५. धान के खेत की आरंभिक हलकी जुताई। ६. जुलाहों की वह लकड़ी जिसमें वे पाई करने के लिए लुगदी लपेटते है। ७. दे०‘उठावनी’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उठौनी  : स्त्री० [हिं० उठना या उठाना,उठावनी का पू० रूप] १. उठने या उठाने अथवा उठाकर रखने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. देवता या धार्मिक कृत्य के लिए कुछ धन या पदार्थ उठाकर अलग रखने की क्रिया या भाव। ३. कोई लेन-देन या व्यवहार पक्का करने अथवा कोई काम कराने के लिए अग्रिम के रूप में दिया जानेवाला धन। अगाऊ। पेशगी। ४. (उठकर) कोई कार्य आरंभ करने की क्रिया या भाव। उदाहरण—सब मिलि पहिलि उठौनी कीन्ही।—जायसी। ५. धान के खेत की आरंभिक हलकी जुताई। ६. जुलाहों की वह लकड़ी जिसमें वे पाई करने के लिए लुगदी लपेटते है। ७. दे०‘उठावनी’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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