शब्द का अर्थ
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उत्तर :
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पुं० [सं० उद्√तृ (तैरना)+अप् अथवा उद्+तरप्] १. वह दिशा जो पूर्व की ओर मुँह करके खड़े होने पर मनुष्य की बाई ओर पड़ती है। उदीची। २. किसी देश का उत्तरी भाग। ३. किसी के प्रश्न या शंका करने पर या उसके समाधान या संतोष के लिए कही जानेवाली बात। ४. जाँच या परीक्षा के लिए पूछे हुए प्रश्नों के संबंध में कही हुई उक्त प्रकार की बात। ५. गणित आदि में, किसी प्रश्न का निकला हुआ अंतिम परिणाम। फल। ६. अबियोग या आरोप लगने पर अपने आचरण या व्यवहार का औचित्य सिद्ध करते हुए कुछ कहना। ७. किसी के कार्य या व्यवहार के बदले में ठीक उसी प्रकार से किया जानेवाला कार्य या व्यवहार। ८. साहित्य में एक अलंकार जिसमें (क) किसी प्रश्न के उत्तर में कोई गूढ़ आशय या संकेत किया जाता है अथवा (ख) कुछ प्रश्न इस रूप में रखे जाते है कि उनके उत्तर भी उन्हीं शब्दों में छिपे रहते हैं। ९. राजा विराट के एक पुत्र का नाम। वि० १. उत्तरी। बाद का। पिछला। २. ऊपर का। ३. श्रेष्ठ। अव्य० बाद में। पीछे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर :
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पुं० [सं० उद्√तृ (तैरना)+अप् अथवा उद्+तरप्] १. वह दिशा जो पूर्व की ओर मुँह करके खड़े होने पर मनुष्य की बाई ओर पड़ती है। उदीची। २. किसी देश का उत्तरी भाग। ३. किसी के प्रश्न या शंका करने पर या उसके समाधान या संतोष के लिए कही जानेवाली बात। ४. जाँच या परीक्षा के लिए पूछे हुए प्रश्नों के संबंध में कही हुई उक्त प्रकार की बात। ५. गणित आदि में, किसी प्रश्न का निकला हुआ अंतिम परिणाम। फल। ६. अबियोग या आरोप लगने पर अपने आचरण या व्यवहार का औचित्य सिद्ध करते हुए कुछ कहना। ७. किसी के कार्य या व्यवहार के बदले में ठीक उसी प्रकार से किया जानेवाला कार्य या व्यवहार। ८. साहित्य में एक अलंकार जिसमें (क) किसी प्रश्न के उत्तर में कोई गूढ़ आशय या संकेत किया जाता है अथवा (ख) कुछ प्रश्न इस रूप में रखे जाते है कि उनके उत्तर भी उन्हीं शब्दों में छिपे रहते हैं। ९. राजा विराट के एक पुत्र का नाम। वि० १. उत्तरी। बाद का। पिछला। २. ऊपर का। ३. श्रेष्ठ। अव्य० बाद में। पीछे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-कल्प :
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पुं० [सं० कर्म० स०] भू-विज्ञान के अनुसार वह दूसरा कल्प जिसमें मुख्यतः पर्वतों तथा खनिज पदार्थों की सृष्टि हुई थी। अनुमानतः यह कल्प आज से लगभग सवा अरब वर्ष पहले हुआ था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-कल्प :
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पुं० [सं० कर्म० स०] भू-विज्ञान के अनुसार वह दूसरा कल्प जिसमें मुख्यतः पर्वतों तथा खनिज पदार्थों की सृष्टि हुई थी। अनुमानतः यह कल्प आज से लगभग सवा अरब वर्ष पहले हुआ था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-कोशला :
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स्त्री० [सं० उत्तरकोशल+अच्-टाप्] अयोध्या नगरी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-कोशला :
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स्त्री० [सं० उत्तरकोशल+अच्-टाप्] अयोध्या नगरी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-क्रिया :
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स्त्री० [मध्य० स०] मृत्यु के उपरांत मृतक के उद्देश्य से होनेवाले धार्मिक कृत्य। अंत्येष्टि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-क्रिया :
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स्त्री० [मध्य० स०] मृत्यु के उपरांत मृतक के उद्देश्य से होनेवाले धार्मिक कृत्य। अंत्येष्टि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-गुण :
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पुं० [कर्म० स०] मूल गुणों की रक्षा करनेवाले गौण या दूसरे गुण।( जैन)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-गुण :
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पुं० [कर्म० स०] मूल गुणों की रक्षा करनेवाले गौण या दूसरे गुण।( जैन)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-तंत्र :
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पुं० [कर्म० स०] किसी वैद्यक ग्रंथ का पिछला या परिशिष्ट भाग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-तंत्र :
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पुं० [कर्म० स०] किसी वैद्यक ग्रंथ का पिछला या परिशिष्ट भाग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-दाता (तृ) :
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पुं० [ष० त०] —उत्तरदायी। वि० उत्तर या जवाब देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-दाता (तृ) :
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पुं० [ष० त०] —उत्तरदायी। वि० उत्तर या जवाब देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पक्ष :
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पुं० [कर्म० स०] विवाद आदि में वह पक्ष जो पहले किये जानेवाले निरूपण या प्रस्थान का खंडन या समाधान करता हो। अभियोग तर्क, प्रश्न आदि का उत्तर देनेवाला पक्ष। ‘पूर्व-पक्ष’ का विपर्याय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पक्ष :
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पुं० [कर्म० स०] विवाद आदि में वह पक्ष जो पहले किये जानेवाले निरूपण या प्रस्थान का खंडन या समाधान करता हो। अभियोग तर्क, प्रश्न आदि का उत्तर देनेवाला पक्ष। ‘पूर्व-पक्ष’ का विपर्याय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पट :
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पुं० [कर्म० स०] १. ओढ़ने की चादर। उत्तरीय। २. बिछाने की चादर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पट :
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पुं० [कर्म० स०] १. ओढ़ने की चादर। उत्तरीय। २. बिछाने की चादर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पथ :
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पुं० [ष० त०] पाटलिपुत्र से वाराणसी, कौशाम्बी, साकेत, मथुरा, तक्षशिला आदि से होता हुआ वाह्लीक तक गया हुआ एक प्राचीन मार्ग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पथ :
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पुं० [ष० त०] पाटलिपुत्र से वाराणसी, कौशाम्बी, साकेत, मथुरा, तक्षशिला आदि से होता हुआ वाह्लीक तक गया हुआ एक प्राचीन मार्ग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पद :
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पुं० [कर्म० स०] समस्त या यौगिक शब्द का अंतिम या पिछला शब्द। जैसे—धर्मानुसार या धर्म-साधन में का अनुसार या साधन शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-पद :
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पुं० [कर्म० स०] समस्त या यौगिक शब्द का अंतिम या पिछला शब्द। जैसे—धर्मानुसार या धर्म-साधन में का अनुसार या साधन शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-प्रत्युत्तर :
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पुं० [द्व० स०] किसी से किसी बात का उत्तर मिलने पर उसके उत्तर में कुछ कहना-सुनना। वाद-विवाद। बहस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-प्रत्युत्तर :
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पुं० [द्व० स०] किसी से किसी बात का उत्तर मिलने पर उसके उत्तर में कुछ कहना-सुनना। वाद-विवाद। बहस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-प्रदेश :
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पुं० [सं० ] भारतीय संघ राज्य का वह प्रदेश जिसके उत्तर में हिमालय, पश्चिम में पंजाब, पूर्व में बिहार और दक्षिण में मध्य प्रदेश है। (पुराने संयुक्त प्रदेश का नया नाम)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-प्रदेश :
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पुं० [सं० ] भारतीय संघ राज्य का वह प्रदेश जिसके उत्तर में हिमालय, पश्चिम में पंजाब, पूर्व में बिहार और दक्षिण में मध्य प्रदेश है। (पुराने संयुक्त प्रदेश का नया नाम)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-भोगी (गिन्) :
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वि० [सं० उत्तर√भुज् (भोगना)+णिनि] किसी के द्वारा छोड़ी हुई अथवा किसी की बची हुई वस्तु या संपत्ति का भोग करने वाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-भोगी (गिन्) :
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वि० [सं० उत्तर√भुज् (भोगना)+णिनि] किसी के द्वारा छोड़ी हुई अथवा किसी की बची हुई वस्तु या संपत्ति का भोग करने वाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-मंद्रा :
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पुं० [ब० स० टाप्] संगीत में एक मूर्च्छना का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-मंद्रा :
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पुं० [ब० स० टाप्] संगीत में एक मूर्च्छना का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-मीमांसा :
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स्त्री० [ष० त०] वेदांत दर्शन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-मीमांसा :
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स्त्री० [ष० त०] वेदांत दर्शन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-वयम् :
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पुं० [कर्म० स०] जीवन का अंतिम समय जिसमें मनुष्य की सारी शक्तियाँ क्षीण होने लगती है। बुढ़ापा। वृद्धावस्था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-वयम् :
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पुं० [कर्म० स०] जीवन का अंतिम समय जिसमें मनुष्य की सारी शक्तियाँ क्षीण होने लगती है। बुढ़ापा। वृद्धावस्था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-साक्षी (क्षिन्) :
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पुं० [ष० त०] दूसरों से सुनी सुनाई बातों के आधार पर साक्षी देनेवाला व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तर-साक्षी (क्षिन्) :
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पुं० [ष० त०] दूसरों से सुनी सुनाई बातों के आधार पर साक्षी देनेवाला व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरंग :
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वि० [सं० उद्-तरंग, ब० स०] १. लहराता हुआ। तरंगित। २. आनंदमग्न। ३. काँपता हुआ। पुं० [सं० कर्म० स०] वह काठ जो चौखट के ऊपर लगाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरंग :
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वि० [सं० उद्-तरंग, ब० स०] १. लहराता हुआ। तरंगित। २. आनंदमग्न। ३. काँपता हुआ। पुं० [सं० कर्म० स०] वह काठ जो चौखट के ऊपर लगाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरच्छद :
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पुं० [कर्म० स०] १. आच्छादन। आवरण। २. बिछौने या बिछाई जानेवाली चादर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरच्छद :
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पुं० [कर्म० स०] १. आच्छादन। आवरण। २. बिछौने या बिछाई जानेवाली चादर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरण :
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पुं० [सं० उद्√तृ+ल्युट-अन] तैरकर या नाव आदि के द्वारा जलाशय पार करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरण :
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पुं० [सं० उद्√तृ+ल्युट-अन] तैरकर या नाव आदि के द्वारा जलाशय पार करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरदायित्व :
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पुं० [सं० उत्तरदायिन्+त्व] किसी बात या बात के लिए उत्तरदायी होने की अवस्था या भाव। जवाबदेही। जिम्मेदारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरदायित्व :
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पुं० [सं० उत्तरदायिन्+त्व] किसी बात या बात के लिए उत्तरदायी होने की अवस्था या भाव। जवाबदेही। जिम्मेदारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरदायी (यिन्) :
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वि० [सं० उत्तर√दा (देना)+णिनि] १. जिस पर कोई काम करने का भार हो। जैसे—इस काम के उत्तदायी आप ही मानें जाँयेगे। २. जो नैतिक अथवा विधिक दृष्टि से अपने किसी आचरण अथवा दूसरों द्वारा सौंपे हुए कार्य के संबंध में कुछ पूछे जाने पर उत्तर देने के लिए बाध्य हो। जैसे—उत्तरदायी शासन। (रेसपान-सिबुल, उक्त दोनों अर्थों में)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरदायी (यिन्) :
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वि० [सं० उत्तर√दा (देना)+णिनि] १. जिस पर कोई काम करने का भार हो। जैसे—इस काम के उत्तदायी आप ही मानें जाँयेगे। २. जो नैतिक अथवा विधिक दृष्टि से अपने किसी आचरण अथवा दूसरों द्वारा सौंपे हुए कार्य के संबंध में कुछ पूछे जाने पर उत्तर देने के लिए बाध्य हो। जैसे—उत्तरदायी शासन। (रेसपान-सिबुल, उक्त दोनों अर्थों में)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरवर्तन :
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पुं० [स० त०] दे ‘अनुवृत्ति’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरवर्तन :
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पुं० [स० त०] दे ‘अनुवृत्ति’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरवादी (दिन्) :
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वि० प्रतिवादी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरवादी (दिन्) :
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वि० प्रतिवादी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरा :
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स्त्री० [सं० उत्तर+टाप्] राजा विराट की कन्या जिसका विवाह अभिमन्यु से हुआ था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरा :
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स्त्री० [सं० उत्तर+टाप्] राजा विराट की कन्या जिसका विवाह अभिमन्यु से हुआ था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरा-खंड :
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पुं० [ष० त०] भारत का वह उत्तरी भू-भाग जो हिमालय की तलहटी में और उसके आस-पास पड़ता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरा-खंड :
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पुं० [ष० त०] भारत का वह उत्तरी भू-भाग जो हिमालय की तलहटी में और उसके आस-पास पड़ता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार :
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पुं० [उत्तर-अधिकार, ष० त०] १. ऐसा अधिकार जिसके अनुसार किसी के न रह जाने अथवा अपना अधिकार छोड़ देने पर किसी दूसरे को उसकी धन-संपत्ति आदि प्राप्त होती है। २. किसी के पद या स्थान से हटने पर उसके बाद आनेवाले व्यक्ति को मिलनेवाला उसका अधिकार, गुण विशेषता आदि। वरासत। (इनहेरिटेन्स) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार :
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पुं० [उत्तर-अधिकार, ष० त०] १. ऐसा अधिकार जिसके अनुसार किसी के न रह जाने अथवा अपना अधिकार छोड़ देने पर किसी दूसरे को उसकी धन-संपत्ति आदि प्राप्त होती है। २. किसी के पद या स्थान से हटने पर उसके बाद आनेवाले व्यक्ति को मिलनेवाला उसका अधिकार, गुण विशेषता आदि। वरासत। (इनहेरिटेन्स) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार-कर :
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पुं० [ष० त०] शासन की ओर से, उत्तराधिकारी को मिलनेवाली संपत्ति पर लगनेवाला कर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार-कर :
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पुं० [ष० त०] शासन की ओर से, उत्तराधिकारी को मिलनेवाली संपत्ति पर लगनेवाला कर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार-प्रमाणक :
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पुं० [ष० त०] न्यायालय से मिलनेवाला यह प्रमाणक जिसमें विधिक रूप से किसी के उत्तराधिकारी माने जाने का उल्लेख होता है। (सक्सेशन सर्टिफिकेट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकार-प्रमाणक :
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पुं० [ष० त०] न्यायालय से मिलनेवाला यह प्रमाणक जिसमें विधिक रूप से किसी के उत्तराधिकारी माने जाने का उल्लेख होता है। (सक्सेशन सर्टिफिकेट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकारी (रिन्) :
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पुं० [सं० उत्तराधिकार+इनि] १. वह व्यक्ति जो किसी की संपत्ति प्राप्त करने का विधितः अधिकारी हो। (इनहेरिटर) २. अधिकारी के किसी पद या स्थान से हटने पर उस पद या स्थान पर आनेवाला दूसरा अधिकारी। (सक्सेसर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराधिकारी (रिन्) :
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पुं० [सं० उत्तराधिकार+इनि] १. वह व्यक्ति जो किसी की संपत्ति प्राप्त करने का विधितः अधिकारी हो। (इनहेरिटर) २. अधिकारी के किसी पद या स्थान से हटने पर उस पद या स्थान पर आनेवाला दूसरा अधिकारी। (सक्सेसर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरापेक्षी (क्षिन्) :
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वि० [सं० उत्तर-अप√ईक्ष् (चाहना)+णिनि] जो अपने किसी कथन पत्र, प्रश्न, प्रार्थना आदि के उत्तर की अपेक्षा करता हो। अपनी बात का उत्तर या जवाब चाहनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरापेक्षी (क्षिन्) :
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वि० [सं० उत्तर-अप√ईक्ष् (चाहना)+णिनि] जो अपने किसी कथन पत्र, प्रश्न, प्रार्थना आदि के उत्तर की अपेक्षा करता हो। अपनी बात का उत्तर या जवाब चाहनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराफाल्गुनी :
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स्त्री० [सं० व्यस्तपद] आकाशस्थ सत्ताईस नक्षत्रों में से बारहवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराफाल्गुनी :
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स्त्री० [सं० व्यस्तपद] आकाशस्थ सत्ताईस नक्षत्रों में से बारहवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभाद्रपद :
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स्त्री० [सं० व्यस्तपद] आकाशस्थ सत्ताईस नक्षत्रों में से छब्बीसवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभाद्रपद :
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स्त्री० [सं० व्यस्तपद] आकाशस्थ सत्ताईस नक्षत्रों में से छब्बीसवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभास :
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पुं० [सं० उत्तर-आभास, ष० त०] १. ऐसा उत्तर जो ठीक और समाधान कारक तो न हो, फिर देखने में ठीक-सा जान पड़ता हो। ऐसा उत्तर जिसमें वास्तविकता या सत्यता न हो, उसका आभास मात्र हो। २. झूठा या मिथ्या उत्तर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभास :
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पुं० [सं० उत्तर-आभास, ष० त०] १. ऐसा उत्तर जो ठीक और समाधान कारक तो न हो, फिर देखने में ठीक-सा जान पड़ता हो। ऐसा उत्तर जिसमें वास्तविकता या सत्यता न हो, उसका आभास मात्र हो। २. झूठा या मिथ्या उत्तर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभासी (सिन्) :
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वि० [सं० उत्तराभास+इनि] (प्रश्न) जिसमें उसके उत्तर का भी कुछ आभास हो। जैसे—आप तो भोजन कर ही चुके हैं न ? में यह आभास है कि आप भोजन कर चुके हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराभासी (सिन्) :
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वि० [सं० उत्तराभास+इनि] (प्रश्न) जिसमें उसके उत्तर का भी कुछ आभास हो। जैसे—आप तो भोजन कर ही चुके हैं न ? में यह आभास है कि आप भोजन कर चुके हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरायण :
|
पुं० [सं० उत्तर-अयन, स० त०] १. मकर रेखा से उत्तर और कर्क रेखा की ओर होनेवाली सूर्य की गति। २. छः मास की वह अवधि या समय जिसमें सूर्य की गति उत्तर अर्थात् कर्क रेखा की ओर रहती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरायण :
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पुं० [सं० उत्तर-अयन, स० त०] १. मकर रेखा से उत्तर और कर्क रेखा की ओर होनेवाली सूर्य की गति। २. छः मास की वह अवधि या समय जिसमें सूर्य की गति उत्तर अर्थात् कर्क रेखा की ओर रहती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरायणी :
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स्त्री० [सं० उत्तरायण+ङीष्] संगीत में एक मूर्च्छना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरायणी :
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स्त्री० [सं० उत्तरायण+ङीष्] संगीत में एक मूर्च्छना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरारणी :
|
स्त्री० [सं० उत्तर-अरणी, कर्म० स०] अग्निमंथन की दो लकड़ियों में से ऊपर रहनेवाली लकड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरारणी :
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स्त्री० [सं० उत्तर-अरणी, कर्म० स०] अग्निमंथन की दो लकड़ियों में से ऊपर रहनेवाली लकड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरार्द्ध :
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पुं० [सं० उत्तर-अर्द्ध, कर्म० स०] किसी वस्तु के दो खंडों या भागों में से उत्तर अर्थात् अंत की ओर या बाद में पड़नेवाला खंड या भाग। पिछला आधा भाग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरार्द्ध :
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पुं० [सं० उत्तर-अर्द्ध, कर्म० स०] किसी वस्तु के दो खंडों या भागों में से उत्तर अर्थात् अंत की ओर या बाद में पड़नेवाला खंड या भाग। पिछला आधा भाग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराषाढ़ा :
|
स्त्री० [सं० उत्तरा-आषाढ़ा, व्यस्त-पद] सत्ताईस नक्षत्रों में से इक्कीसवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तराषाढ़ा :
|
स्त्री० [सं० उत्तरा-आषाढ़ा, व्यस्त-पद] सत्ताईस नक्षत्रों में से इक्कीसवाँ नक्षत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरासंग :
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पुं० [सं० उत्तर-आ√सञज् (मिलना)+घञ्] उत्तरीय। उपरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरासंग :
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पुं० [सं० उत्तर-आ√सञज् (मिलना)+घञ्] उत्तरीय। उपरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरी :
|
वि० [सं० उत्तरीय] १. उत्तर दिशा में होनेवाला। उत्तर दिशा से संबंधित। उत्तर का। स्त्री० संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिणी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरी :
|
वि० [सं० उत्तरीय] १. उत्तर दिशा में होनेवाला। उत्तर दिशा से संबंधित। उत्तर का। स्त्री० संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिणी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरी-ध्रुव :
|
पुं० [हिं० +सं० ] पृथ्वी के गोले का उत्तरी सिरा। सुमेरु। (नार्थ पोल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरी-ध्रुव :
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पुं० [हिं० +सं० ] पृथ्वी के गोले का उत्तरी सिरा। सुमेरु। (नार्थ पोल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरीय :
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पुं० [सं० उत्तर+छ-ईय] १. कंधे पर रखने का वस्त्र। चादर। दुपट्टा। २. एक प्रकार का सन। वि० १. उत्तर दिशा का। उत्तर में होनेवाला। २. ऊपर का। ऊपरवाला। ३. जो दूसरों की तुलना में अच्छा या श्रेष्ठ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरीय :
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पुं० [सं० उत्तर+छ-ईय] १. कंधे पर रखने का वस्त्र। चादर। दुपट्टा। २. एक प्रकार का सन। वि० १. उत्तर दिशा का। उत्तर में होनेवाला। २. ऊपर का। ऊपरवाला। ३. जो दूसरों की तुलना में अच्छा या श्रेष्ठ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरोत्तर :
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क्रि० वि० [सं० उत्तर-उत्तर, पं० त०] १. क्रमशः। एक के बाद एक। २. लगातार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तरोत्तर :
|
क्रि० वि० [सं० उत्तर-उत्तर, पं० त०] १. क्रमशः। एक के बाद एक। २. लगातार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |