शब्द का अर्थ
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					उत्तू					 :
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					पुं० [फा०] १. कपड़े पर चुनट डालने या बेल-बूटे काढ़ने का एक औजार या उपकरण। २. उक्त करण से कपड़े पर बनाये हुए बेल-बूटे या डाली हुई चुनट। मुहावरा—(किसी व्यक्ति को) उत्तू करना या बनाना-इतना मारना कि बदन में दाग पड़ जाएँ। जैसे—मारते-मारते उत्तू कर दूँगा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्तू					 :
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					पुं० [फा०] १. कपड़े पर चुनट डालने या बेल-बूटे काढ़ने का एक औजार या उपकरण। २. उक्त करण से कपड़े पर बनाये हुए बेल-बूटे या डाली हुई चुनट। मुहावरा—(किसी व्यक्ति को) उत्तू करना या बनाना-इतना मारना कि बदन में दाग पड़ जाएँ। जैसे—मारते-मारते उत्तू कर दूँगा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्तूगर					 :
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					पुं० [फा०] वह कारीगर जो कपड़े पर उत्तू से कढ़ाई का काम करता अथवा चुनट डालता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्तूगर					 :
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					पुं० [फा०] वह कारीगर जो कपड़े पर उत्तू से कढ़ाई का काम करता अथवा चुनट डालता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |