शब्द का अर्थ
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उद्भास :
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पुं० [सं० उद्√भास् (दीप्ति)+घञ्] १. बहुत ही आकर्षक तथा चमकते हुए रूप में प्रकट होना या सामने आना। २. आभा। प्रकाश। ३. उद्भावना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भास :
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पुं० [सं० उद्√भास् (दीप्ति)+घञ्] १. बहुत ही आकर्षक तथा चमकते हुए रूप में प्रकट होना या सामने आना। २. आभा। प्रकाश। ३. उद्भावना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भासन :
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पुं० [सं० उद्√भास्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उद्भासित] प्रकाशित होना। चमकना। २. आभा या प्रकाश से युक्त करना। चमकाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भासन :
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पुं० [सं० उद्√भास्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उद्भासित] प्रकाशित होना। चमकना। २. आभा या प्रकाश से युक्त करना। चमकाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भासित :
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भू० कृ० [सं० उद्√भास्+क्त] १. जो सुंदर रूप में प्रकट हुआ हो। सुशोभित। २. चमकता हुआ। प्रकाशित। ३. उत्तेजित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भासित :
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भू० कृ० [सं० उद्√भास्+क्त] १. जो सुंदर रूप में प्रकट हुआ हो। सुशोभित। २. चमकता हुआ। प्रकाशित। ३. उत्तेजित। |
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समानार्थी शब्द-
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