शब्द का अर्थ
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					उपदेश					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+घञ्] १. किसी को अच्छी दिशा में ले जाने के लिए अच्छी बात बतलाना। २. बड़ों या विद्वानों का लोगों को धर्म या नीति संबंधी अच्छी-अच्छी बातें बतलाना। लोगों को अच्छे आचरण तथा व्यवहार सिखाने के लिए कही जानेवाली बात या बातें। ३. निर्देश। ४. आज्ञा। ५. वह तत्त्व की बात जो गुरु किसी को अपना शिष्य बनाने के समय बतलाया है। गुरु-मन्त्र।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपदेश					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+घञ्] १. किसी को अच्छी दिशा में ले जाने के लिए अच्छी बात बतलाना। २. बड़ों या विद्वानों का लोगों को धर्म या नीति संबंधी अच्छी-अच्छी बातें बतलाना। लोगों को अच्छे आचरण तथा व्यवहार सिखाने के लिए कही जानेवाली बात या बातें। ३. निर्देश। ४. आज्ञा। ५. वह तत्त्व की बात जो गुरु किसी को अपना शिष्य बनाने के समय बतलाया है। गुरु-मन्त्र।				 | 
			
			
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					उपदेशक					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० उपदेशिका] १. वह व्यक्ति जो दूसरों को उपदेश देता हो। २. शिक्षक। ३. आजकल वह व्यक्ति जो किसी विशिष्ट धर्म या मत का प्रचार करने के लिए जगह-जगह घूमकर व्याख्यान आदि देता हो। जैसे—आर्य समाज या सनातन धर्म का उपदेशक।				 | 
			
			
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					उपदेशक					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० उपदेशिका] १. वह व्यक्ति जो दूसरों को उपदेश देता हो। २. शिक्षक। ३. आजकल वह व्यक्ति जो किसी विशिष्ट धर्म या मत का प्रचार करने के लिए जगह-जगह घूमकर व्याख्यान आदि देता हो। जैसे—आर्य समाज या सनातन धर्म का उपदेशक।				 | 
			
			
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					उपदेशन					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+ल्युट-अन] उपदेश देने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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					उपदेशन					 :
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					पुं० [सं० उप√दिश्+ल्युट-अन] उपदेश देने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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					उपदेशना					 :
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					स्त्री० [सं० उप√दिश्+णिच्+युच्-अन-टाप्] उपदेश के रूप में कही जानेवाली बात। उपदेश।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					उपदेशना					 :
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					स्त्री० [सं० उप√दिश्+णिच्+युच्-अन-टाप्] उपदेश के रूप में कही जानेवाली बात। उपदेश।				 | 
			
			
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					उपदेश्य					 :
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					वि० [सं० उप√दिश्+ण्यत्] १. (व्यक्ति) जो उपदेश पाने का अधिकारी या पात्र हो। २. (विषय) जो उपदेश के योग्य हो।				 | 
			
			
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					उपदेश्य					 :
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					वि० [सं० उप√दिश्+ण्यत्] १. (व्यक्ति) जो उपदेश पाने का अधिकारी या पात्र हो। २. (विषय) जो उपदेश के योग्य हो।				 | 
			
			
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