शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					उपर					 :
				 | 
				
					अव्य-ऊपर। उदाहरण—लंका सिखर उपर आगारा।—तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपर					 :
				 | 
				
					अव्य-ऊपर। उदाहरण—लंका सिखर उपर आगारा।—तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरक्त					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रञ्ज्+क्त] १. (ग्रह) जो उपराग से ग्रस्त हो। जिसे ग्रहण लगा हो। २. जिस पर आभास या छाया पड़ी हो। ३. जिस पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ा हो या रंगत चढ़ी हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरक्त					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रञ्ज्+क्त] १. (ग्रह) जो उपराग से ग्रस्त हो। जिसे ग्रहण लगा हो। २. जिस पर आभास या छाया पड़ी हो। ३. जिस पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ा हो या रंगत चढ़ी हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरक्षण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रक्ष् (रक्षा करना)+ल्युट-अन] १. रक्षा करने का कार्य। २. चौकी। पहरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरक्षण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रक्ष् (रक्षा करना)+ल्युट-अन] १. रक्षा करने का कार्य। २. चौकी। पहरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरंजक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रञज् (राग)+ण्वुल्-अक] १. रँगनेवाला। २. प्रभावित करने वाला। पुं० सांख्य में, वह वस्तु जिसका आभास या छाया पास की वस्तु पर पड़े। उपाधि। जैसे—लाल कपड़े के कारण पास रखे हुए स्फटिक का लाल दिखाई पड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरंजक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रञज् (राग)+ण्वुल्-अक] १. रँगनेवाला। २. प्रभावित करने वाला। पुं० सांख्य में, वह वस्तु जिसका आभास या छाया पास की वस्तु पर पड़े। उपाधि। जैसे—लाल कपड़े के कारण पास रखे हुए स्फटिक का लाल दिखाई पड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरंजन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रञ्ज्+ल्युट्-अन] [वि० उपरंजनीय, उपरंज्य, भू० कृ० उपरंजित] १. रंग से युक्त करना। रँगना। २. प्रभाव डालना। प्रभावित करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरंजन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रञ्ज्+ल्युट्-अन] [वि० उपरंजनीय, उपरंज्य, भू० कृ० उपरंजित] १. रंग से युक्त करना। रँगना। २. प्रभाव डालना। प्रभावित करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरण					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० सुमरण] (स्मरण) के अनुकरण पर बना हुआ एक निरर्थक शब्द। उदाहरण—तेरो हि उमरण तेरोहि सुमरण तेरोहि ध्यान धरूँ।—मीराँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरण					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० सुमरण] (स्मरण) के अनुकरण पर बना हुआ एक निरर्थक शब्द। उदाहरण—तेरो हि उमरण तेरोहि सुमरण तेरोहि ध्यान धरूँ।—मीराँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रम् (रमण करना)+क्त] १. जो रत न हो। २. जो किसी काम में लगा न हो। ३. विरक्त। उदासीन। ४. मरा हुआ। मृत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रम् (रमण करना)+क्त] १. जो रत न हो। २. जो किसी काम में लगा न हो। ३. विरक्त। उदासीन। ४. मरा हुआ। मृत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० उप√रम्+क्तिन्] १. उपरत या विरक्त होने की अवस्था या भाव। उदासीनता। २. मृत्यु। मौत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० उप√रम्+क्तिन्] १. उपरत या विरक्त होने की अवस्था या भाव। उदासीनता। २. मृत्यु। मौत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरना					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उपरा+ना (प्रत्यय)] शरीर के ऊपरी भाग में ओढ़ी जानेवाली चादर या दुपट्टा। उदाहरण—पिअर उपरना, काखा सोती।—तुलसी। अ० उखड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरना					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उपरा+ना (प्रत्यय)] शरीर के ऊपरी भाग में ओढ़ी जानेवाली चादर या दुपट्टा। उदाहरण—पिअर उपरना, काखा सोती।—तुलसी। अ० उखड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरफट					 :
				 | 
				
					वि०=उपरफट्टू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरफट					 :
				 | 
				
					वि०=उपरफट्टू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरफटू					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि+स्फुट] १. यों ही इधर-उधर या ऊपर से आया हुआ। २. इधर-उधर का और बिलकुल व्यर्थ। फालतू। उदाहरण—मेरी बाँह छाँड़ि दै राधा करत उपर-फट बातें।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरफटू					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि+स्फुट] १. यों ही इधर-उधर या ऊपर से आया हुआ। २. इधर-उधर का और बिलकुल व्यर्थ। फालतू। उदाहरण—मेरी बाँह छाँड़ि दै राधा करत उपर-फट बातें।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+घञ्] किसी चीज या बात से चित्त हटना। विरति। वैराग्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+घञ्] किसी चीज या बात से चित्त हटना। विरति। वैराग्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरमण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+ल्युट-अन] =उपराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरमण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+ल्युट-अन] =उपराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरला					 :
				 | 
				
					वि० [हि० ऊपर+ला (प्रत्यय)] जो ऊपर की हो। ऊपरवाला। ऊपरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरला					 :
				 | 
				
					वि० [हि० ऊपर+ला (प्रत्यय)] जो ऊपर की हो। ऊपरवाला। ऊपरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरवार					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ऊपर+वारा (प्रत्यय)] बाँगर। जमीन। वि० ऊपर की ओर पड़नेवाला। उदाहरण—रामजस अपने उपरवार खेत का जौ उखाड़कर होला जला रहा है।—प्रसाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरवार					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ऊपर+वारा (प्रत्यय)] बाँगर। जमीन। वि० ऊपर की ओर पड़नेवाला। उदाहरण—रामजस अपने उपरवार खेत का जौ उखाड़कर होला जला रहा है।—प्रसाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरहित					 :
				 | 
				
					पुं०=पुरोहित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरहित					 :
				 | 
				
					पुं०=पुरोहित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरहिति					 :
				 | 
				
					स्त्री०=पुरोहिती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरहिति					 :
				 | 
				
					स्त्री०=पुरोहिती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरा-चढ़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=चढ़ा-ऊपरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरा-चढ़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=चढ़ा-ऊपरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रञ्ज्+घञ्] १. रंग। २. भोग-विलास या विषयों में होनेवाला अनुराग। ३. आस-पास की वस्तु पर पड़नेवाला आभास या छाया। ४. चंद्रमा, सूर्य आदि का छायाग्रस्त होना। ग्रहण। ५. व्यसन। ६. निद्रा। उदाहरण—भयउ परब बिनु रबि उपरागा।—तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रञ्ज्+घञ्] १. रंग। २. भोग-विलास या विषयों में होनेवाला अनुराग। ३. आस-पास की वस्तु पर पड़नेवाला आभास या छाया। ४. चंद्रमा, सूर्य आदि का छायाग्रस्त होना। ग्रहण। ५. व्यसन। ६. निद्रा। उदाहरण—भयउ परब बिनु रबि उपरागा।—तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराजना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उपार्जन] १. उत्पन्न या पैदा करना। उदाहरण—अग-जग मय जग मम उपराजा।—तुलसी। २. रचना। बनाना। ३. उपार्जन करना। कमाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराजना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उपार्जन] १. उत्पन्न या पैदा करना। उदाहरण—अग-जग मय जग मम उपराजा।—तुलसी। २. रचना। बनाना। ३. उपार्जन करना। कमाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराँठा-					 :
				 | 
				
					पुं०=पराँठा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराँठा-					 :
				 | 
				
					पुं०=पराँठा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरांत					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० ] किसी के अंत में। पीछे या बाद में।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरांत					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० ] किसी के अंत में। पीछे या बाद में।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० उपरि] १. नीचे से ऊपर आना। २. प्रकट या प्रत्यक्ष होना। स०१. ऊपर करना या लाना। २. प्रकट या प्रत्यक्ष करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० उपरि] १. नीचे से ऊपर आना। २. प्रकट या प्रत्यक्ष होना। स०१. ऊपर करना या लाना। २. प्रकट या प्रत्यक्ष करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+घञ्] १. विषयों के भोग आदि से होनेवाली विरक्ति। विराग। २. छुटकारा। निवृत्ति। ३. आराम। विश्राम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रम्+घञ्] १. विषयों के भोग आदि से होनेवाली विरक्ति। विराग। २. छुटकारा। निवृत्ति। ३. आराम। विश्राम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ऊपर+ला (प्रत्यय)] पक्षग्रहण। सहायता। वि० १. ऊपर का। ऊपरी। २. ऊँचा। ३. बाहरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ऊपर+ला (प्रत्यय)] पक्षग्रहण। सहायता। वि० १. ऊपर का। ऊपरी। २. ऊँचा। ३. बाहरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरावटा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि+आवर्त्त] १. ऊपर की ओर उठा हुआ। २. अभिमान आदि के कारण अकड़ा या तना हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरावटा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि+आवर्त्त] १. ऊपर की ओर उठा हुआ। २. अभिमान आदि के कारण अकड़ा या तना हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराहना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० ऊपर+करना] १. औरों से ऊपर या बढ़कर मानना। २. प्रशंसा करना। सराहना। उदाहरण—आम जो परि कै नवैतराही। फल अमृत भा सब उपराहीं।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराहना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० ऊपर+करना] १. औरों से ऊपर या बढ़कर मानना। २. प्रशंसा करना। सराहना। उदाहरण—आम जो परि कै नवैतराही। फल अमृत भा सब उपराहीं।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराही					 :
				 | 
				
					क्रि० वि०=ऊपर। वि० उत्तम। श्रेष्ठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपराही					 :
				 | 
				
					क्रि० वि०=ऊपर। वि० उत्तम। श्रेष्ठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरि					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० ऊर्ध्व+रिल्, उपादेश] १. ऊपर। उदाहरण—सैलोपरि सर सुंदर सोहा।—तुलसी। २. उपरांत। बाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरि					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० ऊर्ध्व+रिल्, उपादेश] १. ऊपर। उदाहरण—सैलोपरि सर सुंदर सोहा।—तुलसी। २. उपरांत। बाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरि-चित					 :
				 | 
				
					वि० [स० त०] १. ऊपर रखा हुआ। २. सजा हुआ। सज्जित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरि-चित					 :
				 | 
				
					वि० [स० त०] १. ऊपर रखा हुआ। २. सजा हुआ। सज्जित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरिचर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि√चर्(गति)+ट] ऊपर चलनेवाला। पु० चिड़िया। पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरिचर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि√चर्(गति)+ट] ऊपर चलनेवाला। पु० चिड़िया। पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरिष्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ] पराँठा नामक पकवान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरिष्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ] पराँठा नामक पकवान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरी-उपरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० चढ़ा-ऊपरी। उदाहरण—रन मारि मक उपरी-उपरा भले बीर रघुप्पति रावन के।-तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरी-उपरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० चढ़ा-ऊपरी। उदाहरण—रन मारि मक उपरी-उपरा भले बीर रघुप्पति रावन के।-तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरुद्ध					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रुध्(रोकना)+क्त] १. रोका हुआ। २. घेरा हुआ। ३. बंधन में डाला या पड़ा हुआ। बद्ध।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरुद्ध					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रुध्(रोकना)+क्त] १. रोका हुआ। २. घेरा हुआ। ३. बंधन में डाला या पड़ा हुआ। बद्ध।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरैना					 :
				 | 
				
					पुं० [स्त्री० उपरैनी] =उपरना (दुपट्टा)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरैना					 :
				 | 
				
					पुं० [स्त्री० उपरैनी] =उपरना (दुपट्टा)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोक्त					 :
				 | 
				
					वि०=उपर्युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोक्त					 :
				 | 
				
					वि०=उपर्युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध् (रोकना)+घञ्] १. ऐसी बात जिससे होता हुआ कार्य रुक जाय। बाधा। २. आच्छादन। ढकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध् (रोकना)+घञ्] १. ऐसी बात जिससे होता हुआ कार्य रुक जाय। बाधा। २. आच्छादन। ढकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रुध्+ण्वुल्-अक] रोकनेवाला। बाधा डालनेवाला। पुं० कोठरी के अंदर की कोठरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उप√रुध्+ण्वुल्-अक] रोकनेवाला। बाधा डालनेवाला। पुं० कोठरी के अंदर की कोठरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध्+ल्युट-अन] १. रोकना या बाधा डालना। २. रुकावट। बाधा। ३. घेरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध्+ल्युट-अन] १. रोकना या बाधा डालना। २. रुकावट। बाधा। ३. घेरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधी (धिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध्+णिनि] बाधा डालनेवाला। रोकनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोधी (धिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उप√रुध्+णिनि] बाधा डालनेवाला। रोकनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोहित					 :
				 | 
				
					पुं०=पुरोहति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोहित					 :
				 | 
				
					पुं०=पुरोहति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोहिती					 :
				 | 
				
					स्त्री०=पुरोहिती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरोहिती					 :
				 | 
				
					स्त्री०=पुरोहिती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौछा					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [हिं० ऊपर+औछा (प्रत्य)] ऊपर की ओर। वि० ऊपर की ओर का। ऊपरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौछा					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [हिं० ऊपर+औछा (प्रत्य)] ऊपर की ओर। वि० ऊपर की ओर का। ऊपरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौटा					 :
				 | 
				
					पुं० दे० ‘उपल्ला’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौटा					 :
				 | 
				
					पुं० दे० ‘उपल्ला’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौठा					 :
				 | 
				
					वि० -उपरौटा (उपल्ला)। पुं०=पराँवठा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौठा					 :
				 | 
				
					वि० -उपरौटा (उपल्ला)। पुं०=पराँवठा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौना					 :
				 | 
				
					पुं०=उपरना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपरौना					 :
				 | 
				
					पुं०=उपरना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपर्युक्त					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि-उक्त, स० त०] १. ऊपर या पहले कहा हुआ। २. जिसका उल्लेख या चर्चा पहले या ऊपर हो चुकी हो। (एफोरसेड)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपर्युक्त					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उपरि-उक्त, स० त०] १. ऊपर या पहले कहा हुआ। २. जिसका उल्लेख या चर्चा पहले या ऊपर हो चुकी हो। (एफोरसेड)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |