शब्द का अर्थ
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					उपान					 :
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					स्त्री० [हिं० ऊपर+आन(प्रत्य)] इमारत की कुरसी। २. खम्भे के नीचे आकार रूप में रहनेवाली चौकी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपान					 :
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					स्त्री० [हिं० ऊपर+आन(प्रत्य)] इमारत की कुरसी। २. खम्भे के नीचे आकार रूप में रहनेवाली चौकी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपानह					 :
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					पुं० [सं० उपानत्] १. जूता। २. खड़ाऊ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपानह					 :
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					पुं० [सं० उपानत्] १. जूता। २. खड़ाऊ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपाना					 :
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					स० [सं० उत्पादन, पा० उत्पन्न] उत्पन्न करना० पैदा करना। उदाहरण—(क) अखिल विस्व यह मोर उपाया।—तुलसी। (ख) भोग भुगुति बहु भाँति उपाईष-जायसी। स० [सं० उपाय] उपाय या मुक्ति निकालना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपाना					 :
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					स० [सं० उत्पादन, पा० उत्पन्न] उत्पन्न करना० पैदा करना। उदाहरण—(क) अखिल विस्व यह मोर उपाया।—तुलसी। (ख) भोग भुगुति बहु भाँति उपाईष-जायसी। स० [सं० उपाय] उपाय या मुक्ति निकालना।				 | 
			
			
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