शब्द का अर्थ
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उल्लास :
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पुं० [सं० उद्√लस्+घञ्] १. प्रकाश। चमक। २. साधारण बातों से होनेवाला अस्थायी या क्षणिक तथा हल्का आनंद। ३. आनंद। प्रसन्नता। ४. ग्रंथ या अध्याय या प्रकरण। ५. साहित्य में एक अलंकार जिसमें किसी एक वस्तु या व्यक्ति के गुणों या दोषों के कारण दूसरे में गुण या दोष उत्पन्न होने का वर्णन होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उल्लास :
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पुं० [सं० उद्√लस्+घञ्] १. प्रकाश। चमक। २. साधारण बातों से होनेवाला अस्थायी या क्षणिक तथा हल्का आनंद। ३. आनंद। प्रसन्नता। ४. ग्रंथ या अध्याय या प्रकरण। ५. साहित्य में एक अलंकार जिसमें किसी एक वस्तु या व्यक्ति के गुणों या दोषों के कारण दूसरे में गुण या दोष उत्पन्न होने का वर्णन होता है। |
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उल्लासक :
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वि० [सं० उद्√लस्+णिच्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० उल्लासिका] उल्लास या प्रसन्नता उत्पन्न करनेवाला। |
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उल्लासक :
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वि० [सं० उद्√लस्+णिच्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० उल्लासिका] उल्लास या प्रसन्नता उत्पन्न करनेवाला। |
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उल्लासना :
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स० [सं० उल्लासन] १. प्रकाशित करना। २. उल्लास से युक्त करना। अ०=उलसना (उल्लास से युक्त होना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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स० [सं० उल्लासन] १. प्रकाशित करना। २. उल्लास से युक्त करना। अ०=उलसना (उल्लास से युक्त होना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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उल्लासित :
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वि० [सं० उद्√लस् (मिलाना आदि)+णिच्-क्त, वा० उल्लास+इतच्] १. जो उल्लास से युक्त हो या किया गया हो। २. प्रसन्न। हर्षित। ३. चमकाया हुआ। ४. अंकुरित या स्फुटित। |
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वि० [सं० उद्√लस् (मिलाना आदि)+णिच्-क्त, वा० उल्लास+इतच्] १. जो उल्लास से युक्त हो या किया गया हो। २. प्रसन्न। हर्षित। ३. चमकाया हुआ। ४. अंकुरित या स्फुटित। |
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उल्लासी (सिन्) :
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वि० [सं० उल्लासिन्, उत्√लस् (मिलाना आदि)+णिनि, दीर्घ, नलोप] (व्यक्ति) उल्लास से भरा हुआ। उल्लास से युक्त। |
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वि० [सं० उल्लासिन्, उत्√लस् (मिलाना आदि)+णिनि, दीर्घ, नलोप] (व्यक्ति) उल्लास से भरा हुआ। उल्लास से युक्त। |
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