शब्द का अर्थ
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ओत-प्रोत :
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वि० [द्व० स०] १. उसी तरह आपस में खूब गुथा या मिला-जुला जिस तरह कपड़े में ताने और बाने के सूत मिले रहते हैं। २. खूब भरा हुआ। लबालब। पुं० १. कपड़े में का ताना और बाना। २. ऐसा वैवाहिक संबंध जिसमें एक पक्ष का एक लड़का और एक लड़की दूसरे पक्ष की एक लड़की और एक लड़के से ब्याही जाती है। जिस घर में कन्या देना, उसी घर से एक कन्या लेना। बदले का विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओत-प्रोत :
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वि० [द्व० स०] १. उसी तरह आपस में खूब गुथा या मिला-जुला जिस तरह कपड़े में ताने और बाने के सूत मिले रहते हैं। २. खूब भरा हुआ। लबालब। पुं० १. कपड़े में का ताना और बाना। २. ऐसा वैवाहिक संबंध जिसमें एक पक्ष का एक लड़का और एक लड़की दूसरे पक्ष की एक लड़की और एक लड़के से ब्याही जाती है। जिस घर में कन्या देना, उसी घर से एक कन्या लेना। बदले का विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |