शब्द का अर्थ
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					कंध					 :
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					पुं० [सं० स्कंध] १. डाली। शाखा। २. कंधा। ३. आश्रय। सहारा। उदाहरण—बंध नाहिं और कंध न कोई।—जायसी।				 | 
			
			
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					कंधनी					 :
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					स्त्री० =करधनी।				 | 
			
			
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					कंधर					 :
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					पुं० [सं० कम्√धृ (धारण करना)+अच्] १. गरदन। २. बादल।मेघ। ३. मोथा। मुस्तक।				 | 
			
			
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					कंधरा					 :
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					स्त्री० [सं० कंधर+टाप्] गरदन।				 | 
			
			
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					कंधा					 :
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					पुं० [सं० स्कंन्ध, पा० प्रा० खन्ध० गु० खाँद, खांधो, पं० कन्नहा, उ० बँ० काँध, सिह० कंद, सि० कांधों, मरा० खाँदा] १. मनुष्य के शरीर की बाँह का वह ऊपरी भाग या जोड़, जो गले के नीचे धड़ से जुड़ा रहता है। मुहावरा—कंधा डालना=भार न उठा सकने के कारण हारकर बैठ या रुक जाना। (किसी को) कंधा देना=(किसी काम में) शव को कंधे पर उठाकर अंत्येष्टि के लिए ले जाना। भार आदि उठाने के काम में सहारा या सहायक होना। कंधे से कंधा छिलना=बहुत अधिक भीड़ होना। २. बैल की गर्दन का वह भाग, जिस पर जूआ रखा जाता है। मुहावरा—(बैलों आदि का) कंधा लगना=जूए की रगड़ से कंधे पर घाव हो जाना।				 | 
			
			
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					कंधार					 :
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					पुं० [सं० गांधार] अफगानिस्तान के एक प्रदेश और उसकी राजधानी का नाम। पुं० [सं० कर्णधार] केवट। मल्लाह। वि० पार उतारने या लगानेवाला।				 | 
			
			
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					कंधारी					 :
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					वि० [हिं० कंधार] जिसका संबंध कंधार देश से हो। कंधार देश का। जैसे कंधारी अनार। पुं० १. कंधार देश का निवासी। २. कंधार देश का घोड़ा। स्त्री० कंधार देश की बोली।				 | 
			
			
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					कँधावर					 :
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					स्त्री० [हिं० कंधा+आवर प्रत्यय] १. जूए का वह भाग, जो गाड़ी, हल आदि में जोते जानेवाले बैलों के कंधे पर रखा जाता है। २. कंधे पर रखी जानेवाली चादर। मुहावरा—कंधावर डालना=चादर या दुपट्टा जनेऊ की तरह कंधे पर डालना। ३. किसी चीज में का वह तस्मा या रस्सी, जिसकी सहायता से वह चीज कंधे पर लटकाई जाती है।				 | 
			
			
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					कँधेला					 :
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					पुं० [हिं० कंधा] धोती या साड़ी का वह भाग, जो कंधे पर पड़ता या रहता है। मुहावरा—कँधेला डालना=साड़ी का पल्ला सिर पर रखकर कंधे पर रखना या लटकाना।				 | 
			
			
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					कँधेली					 :
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					स्त्री० [हिं० कंधा] १. घोड़े का वह गोलाकार साज, जो उसे एक्के, गाड़ी आदि में जोतने के समय उसके कंधों पर रखकर गले में डाला जाता है। २. घोड़े, बैल आदि की पीठ पर उसे छिलने आदि से बचाने के लिए रखी जानेवाली गद्दी।				 | 
			
			
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					कँधैया					 :
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					स्त्री० [हिं० कंधा से] १. कंधा। २. बच्चों आदि को कंधे पर बैठाकर कहीं ले चलने की क्रिया, स्थिति या भाव। ३. बच्चों का एक खेल, जिसमें दो लड़के अपनी बाँहों पर किसी दूसरे लड़के को बैठाकर ले चलते हैं। पुं० कन्हैया (श्रीकृष्ण)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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