शब्द का अर्थ
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					कइ					 :
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					अव्य०=क्या। (राज०)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कइक					 :
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					वि० [हिं० कई+एक] अनेक। कई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कइत					 :
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					पुं० =कैंथ (कसैला फल)। क्रि० वि०-कित (किस ओर। कहाँ।) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कइन, कइनी					 :
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					स्त्री० [सं० कंचिका] बांस की टहनी या शाखा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कइर					 :
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					पुं० करील (कँटीली झाड़ी)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कइसन					 :
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					वि०=कैसा। क्रि० वि०=कैसे।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |