शब्द का अर्थ
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					कद्					 :
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					विं० [सं० समास में कु का आदेश रूप] १. खराब या बुरा जैसे—कदंश। २. घटिया। रद्दी। जैसे—कदत्र।				 | 
			
			
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					कद्दावर					 :
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					[फा०] लंबे-चौड़े कद या आकार-प्रकारवाला। बड़े डील-डौल का। (विशेषतः व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त)				 | 
			
			
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					कद्दी					 :
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					वि०=(कभी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					कद्दु					 :
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					पुं० [फा० कदू] घोया या लौकी की जाति का एक प्रसिद्ध गोल फल जिसकी तरकारी बनती है।				 | 
			
			
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					कद्दूकश					 :
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					पुं० [फा०] एक उपकरण जिससे कद्दु आदि तरकारियों की महीन लच्छियाँ निकाली जाती है।				 | 
			
			
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					कद्दूदाना					 :
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					पुं० [फा० कदू+दान] पेट में होनेवाले छोटे-छोटे सफेद कीड़े जो मल के साथ निकलते हैं।				 | 
			
			
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					कद्र					 :
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					स्त्री०=कदर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					कद्रु					 :
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					स्त्री [सं० कद्+रु] कश्यप ऋषि की एक स्त्री जो साँपों की माता मानी गई है।				 | 
			
			
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					कद्रुज					 :
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					पुं० [सं० कद्रु√जन् (उत्पन्न होना)+ड] कद्रु के गर्भ से उत्पन्न, नाग या सांप।				 | 
			
			
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