शब्द का अर्थ
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					कनी					 :
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					स्त्री० [सं० कण] १. किसी चीज का बहुत छोटा टुकड़ा। कण। जैसे—चावल की कनी। २. हीरे या किसी और रत्न का बहुत ही छोटा टुकड़ा। मुहा०—कनी खाना या चाटना=हीरे का बहुत छोटा टुकड़ा खा लेना, जिससे कभी-कभी शरीर की आँतें कट जाती हैं और फलतः खानेवाले की मृत्यु हो जाती है। ३. पकाये हुए चावल का वह अंश जो गलने से रह गया हो। ४. पसीने की बूँद।				 | 
			
			
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					कनीज					 :
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					स्त्री० [फा०] दासी। लौड़ी।				 | 
			
			
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					कनीन					 :
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					विं० [सं०√कन्+ ईनन्] १. युवा। २. वयस्क।				 | 
			
			
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					कनीनक					 :
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					पुं० [सं० कनीन+कन्] [स्त्री० कनीनिका] युवक।				 | 
			
			
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					कनीनी					 :
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					स्त्री० =[सं० कनीन+ङीष्]=कनीनिका।				 | 
			
			
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					कनीयस्					 :
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					वि० [सं० युवन् वा अल्प+ईयसुन्, कन् आदेश] [स्त्री० कनीयसी]=कनिष्ठ।				 | 
			
			
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					कनीर					 :
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					पुं०=कनेर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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