शब्द का अर्थ
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					करंज					 :
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					पुं० [सं० क√रञ्ज् (शोभा देना)+णिच्+अण्] १. एक प्रकार की झाड़ी जिसकी फली औषध के काम आती है। कंजा। २. एक छोटा जंगली पेड़। ३. एक प्रकार की आतिशबाजी। पुं० [सं० कलिंग मि० फा० कुलंग] मुरगा।				 | 
			
			
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					करंजखाना					 :
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					पुं० [हिं० करंज+खाना (घर)] वह स्थान जहाँ बहुत से मुरगे और मुर्गियाँ पाली जाती हों।				 | 
			
			
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					करंजा					 :
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					पुं०=करंज। वि०=करजुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करंजुआ					 :
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					पुं० [सं० करंज] दे० ‘करंज’ वा ‘कंजा’। वि० [सं० करंज] करंज के रंग का। खाकी रंगवाला। पुं० खाकी रंग। पुं० [देश०] १. एक प्रकार की वनस्पति जो ऊख, बाँस या शर जाति के दूसरे पौधों में निकलती है। घमोई। २. जौ के पौधे का एक रोग।				 | 
			
			
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