शब्द का अर्थ
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करष :
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पुं० [सं० कर्ष] १. खिचाव। २. मन में होनेवाला द्वेष या विरोध। मनमोटाव। ३. आवेश। ४. जोश। ५. कोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करषक :
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पुं०=कृषक। वि०=कर्षक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करषना :
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अ० [सं० कर्षण] १. अपनी ओर खींचना या खींच कर निकालना। २. शोषण करना। सोखना। ३. बुलाना। ४. समेटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |