शब्द का अर्थ
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					कषा					 :
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					स्त्री=कशा (कोड़ा)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					कषाकु					 :
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					पुं० [सं०√कष्+आकु] १. अग्नि। २. सूर्य।				 | 
			
			
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					कषाय					 :
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					वि० [सं०√कष्+आय] १. कसैले स्वादवाला। आँवले, फिटकिरी आदि के स्वादवाला कसैला। २. रँगा हुआ, विशेषतः गेरू के रंग में रँगा हुआ। गैरिक। जैसे—कषाय वस्त्र। ३. खुशबूदार। सुगंधित। पुं० १. कोई चीज जिसका स्वाद कसैला हो। २. सब प्रकार के दूषित मनोविकार। (जैन) ३. कलियुग। ४. गोंद। ५. काढ़ा। क्वाथ। ६. सोनापाढ़ा (वृक्ष)।				 | 
			
			
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					कषायित					 :
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					भू० कृ० [सं० कषाय+इतच्] १. जिसमें कषाय आ गया हो या लाया गया हो। कसैला किया हुआ। २. गेरू के रंग में रँगा हुआ। गैरिक। ३. जो दूषित मनोविकारों से युक्त होने के कारण बिगड़ा हुआ हो।				 | 
			
			
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