शब्द का अर्थ
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					कारक					 :
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					वि० [सं०√कृ+ण्वुल्-अक] [स्त्री० कारिका] १. एक शब्द जो यौगिक शब्दों के अन्त में लगकर ये अर्थ देता है-(क) करने वाला। जैसे—गुणकारक, हानिकारक। (ख) उत्पन्न करने या प्राप्त करानेवाला। जैसे—सुखकारक। २. आज-कल किसी के स्थान पर या किसी के प्रतिनिधि के रूप में काम करनेवाला (ऐंक्टिग) पुं० व्याकरण में संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की वह स्थिति जो वाक्य में क्रिया के साथ उनका संबंध सूचित करती है। (केस) इसके ६ भेद कहे गये हैं-कर्त्ता, करण, संप्रदान, अपादान और अधिकरण। (देखें ये शब्द)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					कारक-दीपक					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] साहित्य में दीपक अलंकार का एक भेद, जिसमें अनेक क्रियाओं के एक ही कारक होने का उल्लेख होता है। जैसे—बता अरी ! अब क्या करूँ रचूँ रात से रार। भय खाऊँ आँसू पियूँ मन मारूँ झख मार।—मैथिली शरण।				 | 
			
			
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					कारक-हेतु					 :
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					पुं० [कर्म० स०] न्याय में वह कारण या हेतु, जिससे कोई कार्य हुआ हो या होता हो।				 | 
			
			
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					कारकुन					 :
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					पुं० [फा०] १. किसी के प्रतिनिधि के रूप में काम करनेवाला। १. किसी की ओर से प्रबंध या व्यवस्था करनेवाला। कारिंदा।				 | 
			
			
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