शब्द का अर्थ
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					कुतू					 :
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					स्त्री० [सं० कु√तन्+कू (बा०)] चमड़े की कुप्पी जिसमें तेल आदि तरल पदार्थ रखे जाते हैं।				 | 
			
			
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					कुतूणक					 :
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					पुं० =कुथुआ।				 | 
			
			
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					कुतूहल					 :
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					पुं० [सं० कुतू√हल्+अच्] [वि० कुतूहली] १. किसी नई और विलक्षण चीज या रहस्य-मयी बात को जानने, सीखने आदि के लिए मन में होनेवाली प्रबल इच्छा। किसी अद्भुत या विलक्षण विषय में होनेवाली जिज्ञासा। (क्यूरियासिटी) २. आश्चर्य। ३. कौतुककीड़ा।				 | 
			
			
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					कुतूहली (लिन्)					 :
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					वि० [सं० कुतूहल+इनि] १. (व्यक्ति) जिसकी अनोखी और नई बातें सुनने, देखने आदि में स्वभावतः विशेष रुचि होती है (क्यरि्अ) २. जिसका मन खेलवाड़ों में रमता हो। खिलवाड़ी।				 | 
			
			
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