शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					कुमक					 :
				 | 
				
					स्त्री० [तु०] १. सैनिक कार्यों के लिए अथवा सैनिकों आदि के रूप में मिलनेवाली सहायता। २. किसी प्रकार की मदद या सहायता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कुमकी					 :
				 | 
				
					वि० [तु० कुमक] कुमक का। स्त्री० वह प्रशिक्षित हथनी जिसकी सहायता से हाथी पकड़े जाते हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कुमकुम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कुकुंम] १. केसर। २. रोली। ३. नीबू के रस में भिगोई हुई हल्दी, जिसके छापे मांगलिक अवसरों पर लगाये जाते थे। ४. दे० ‘कुमकुमा’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कुमकुमा					 :
				 | 
				
					पुं० [तु० क़ुमकुमा] १. लाख का बना हुआ एक प्रकार का पोला गोला जिसमें अबीर, गुलाल आदि भरकर होली के दिनों में लोग एक दूसरे पर फेंकते हैं। २. उक्त आकार के काँच के पीले रंगीन गोले जो छतों में शोभा के लिए लटकाये जाते हैं। ३. छोटे या तंग मुँहवाला एक प्रकार का लोटा। ४. नक्काशी के काम के लिए सुनारों की एक प्रकार की टाँकी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कुमकुमी					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० कुमकुमा] कुमकुमे के आकार का। गोल और पोला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |