शब्द का अर्थ
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					कुसी					 :
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					स्त्री० [सं० कुशी] १. हल का नुकीला भाग। फाल। स्त्री०=खुशी (प्रसन्नता) उदाहरण—निस दिन होत कुसी।—मीराँ। वि०=खुश (प्रसन्न)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					कुसीद					 :
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					पुं० [सं०√कुस् (श्लेष)+ईद, न गुणः (नि०)] [स्त्री० कुसीदा, वि० कुसीदिक] १. सूद पर रुपया देना। महाजनी। २. मूलधन का ब्याज या सूद। ३. ब्याज या सूद पर दिया जानेवाला धन। ४. लाल चंदन। वि० १. सूदखोर। २. सुस्त।				 | 
			
			
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					कुसीद-वृद्धि					 :
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					स्त्री० [मध्य० स०] ब्याज।				 | 
			
			
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					कुसीदजीवी (विन्)					 :
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					पुं० [सं० कुसीद√जीव् (जीना)+णिनि] महाजनी करने वाला। सूदखोर महाजन।				 | 
			
			
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					कुसीदिक					 :
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					वि० [सं० कुसीद+ष्ठन्-इक] कुसीद या ब्याज-संबंधी। पुं० =कुसीद।				 | 
			
			
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					कुसीनार					 :
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					पुं० =कुशीनगर।				 | 
			
			
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