शब्द का अर्थ
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कूटस्थ :
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वि० [सं० कूट√स्था (ठहरना)+क] १. जो कूट अर्थात् सबसे ऊँचे या श्रेष्ठ स्थान पर स्थित हो। २. अटल। अचल। ३. अविनाशी। ४. छिपा हुआ। ५. विकार रहित। निर्विकार। पुं० [सं० ] १. व्याघ्रनख नामक सुगंधित पदार्थ। २. जीव। ३. परमात्मा। ४. वेदान्त में चेतन का वह रूप जो अविद्या से आच्छन्न रहता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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