शब्द का अर्थ
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					कूल					 :
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					पुं० [सं० √कूल्(आवृत्त करना)+अच्] १. तालाब, नदी, समुद्र आदि जलाशयों का किनारा। तट। २. नहर। ३. तालाब। ४. किसी वस्तु का सिरा। ५. किसी कार्य या बात की सीमा। यौ०-कूल-किनारा=किसी बात की ऐसी स्थिति जिसमें उसका निराकरण हो जाय। निबटारा। अव्य० निकट। समीप। पुं० [देश०] कपड़ा। वस्त्र।				 | 
			
			
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					कूलंकषा					 :
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					स्त्री० [सं० कल√कष् (काटना)+खच्, मुम्, टाप्] नदी।				 | 
			
			
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					कूलवती					 :
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					स्त्री० [सं० कूल+मतुप्, वत्व, ङीष्] नदी।				 | 
			
			
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					कूला					 :
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					पुं० [देश] छोटी नहर। नाला।				 | 
			
			
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					कूलिका					 :
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					स्त्री० [सं० कूल+कन्, टाप्, इत्व] वीणा सितार आदि का निचला भाग।				 | 
			
			
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					कूलिनी					 :
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					स्त्री० [सं० कूल+इनि-ङीष्] नदी।				 | 
			
			
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					कूल्टू					 :
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					पुं० दे० ‘कूटू’।				 | 
			
			
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					कूल्हा					 :
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					पुं० [?] कमर या पेड़ू के दोनों ओर का कुछ उभरा हुआ भाग।				 | 
			
			
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					कूल्ही					 :
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					स्त्री० [देश] पीतल।				 | 
			
			
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