शब्द का अर्थ
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					खराद					 :
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					पुं० [अ० खर्रात से फा० खर्राद] एक प्रकार का यंत्र जो लकड़ी अथवाधातु की बनी हुई वस्तुओं के बेडौल अंग छीलकर उन्हें सुडौल तथा चिकना बनाता है। मुहावरा– खराद पर उतारना=कोई चीज उक्त यंत्र पर रखकर सुडौल तथा सुन्दर बनाना। खराद पर चढ़ाना=(क) किसी पदार्थ का हर तरह से ठीक, सुन्दर और सुडौल होना। (ख) संसार के ऊँच-नीच देखकर अनुभवी और व्यवहार-कुशल होना। स्त्री० १. खरादने की क्रिया या भाव। २. वह रूप जो किसी चीज को खरादने पर बनता है। ३. बनावट का ढंग। गढ़न।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					खरादना					 :
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					स० [हिं० खराद] १. कोई चीज खराद पर चढ़ाकर उसे सुन्दर और सुडौल बनाना। २. काट-छाँटकर ठीक और दुरस्त करना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					खरादी					 :
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					पुं० [हिं० खराद] वह व्यक्ति जो खरादने का काम करता हो। खरादनेवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |