शब्द का अर्थ
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					खवा					 :
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					पुं० [सं० स्कन्ध] कंधा। भुजमूल। मुहावरा– खवे से खवा छिलना=इतनी भीड़ होना कि सबको धक्के लगते हों।				 | 
			
			
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					खवाई					 :
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					स्त्री० [हिं० खाना] १. खाने या खिलाने की क्रिया, भाव या पारितोषिक। स्त्री० [?] नाव में का वह गड्ढा जिसमें मस्तूल खड़ा किया जाता है।				 | 
			
			
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					खवाना					 :
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					स०=खिलाना (भोजन कराना)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					खवार					 :
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					वि०=ख्वार।				 | 
			
			
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					खवास					 :
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					पुं० [अ०] १. वह खास नौकर जो अंग-रक्षक का काम भी करता हो। २. राजपूताने में, राजाओं की विशिष्ट प्रकार की निजी सेवाएँ करनेवाले सेवकों की जाति या वर्ग। ३. उक्त जाति का वर्ग का कोई व्यक्ति।				 | 
			
			
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					खवासी					 :
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					स्त्री० [हिं० खवास+ई(प्रत्य०)] १. खवास का काम पद या भाव। २. चाकरी। नौकरी। ३. हाथी के हौदे, गाड़ी आदि में पीछे की ओर का वह स्थान जहाँ खवास बैठता है। ४. अँगिया में बगल की तरफ लगनेवाला जोड़।				 | 
			
			
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