शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					खीर					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षीर] दूध में चावल उबालने तथा चीनी मिलाने से बनने वाला एक प्रसिद्ध भोज्य पदार्थ। मुहावरा– खीर चटाना=पहले-पहल बच्चे को अन्न खिलाना आरम्भ करने के लिए उसके मुँह में खीर डालना। अन्न-प्राशन करना। पुं०=क्षीर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					खीर-चटाई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० खीर+चटाई] बच्चे को पहले-पहल अन्न खिलाने के समय खीर चटाने की रसम। अन्न-प्राशन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					खीरमोहन					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० खीर+मोहन] गुलाब जामुन के आकार की एक प्रसिद्ध बँगला मिठाई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					खीरा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० क्षीरक] ककड़ी की जाति का एक प्रकार का फल। मुहावरा– (किसी को) खीरा-ककड़ी समझना=बहुत ही तुच्छ या हेय समझना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					खीरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षीर] गाय, भैस आदि मादा चौपायों का वह भाग जिसमें दूध बनता तथा रहता है तथा जिसके निचले भाग में थन होते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					खीरोदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० क्षीरोदक] एक प्रकार का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |